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प्रधान मंत्री की जापान यात्रा (26 सितंबर, 2022) पर विदेश सचिव द्वारा विशेष ब्रीफ़्रिग का प्रतिलेख

सितम्बर 26, 2022

श्री अरिंदम बागची, सरकारी प्रवक्ता: आप सभी को नमस्कार। पूर्व प्रधान मंत्री शिंजो आबे के राजकीय अंतिम संस्कार में भाग लेने के लिए प्रधान मंत्री की आगामी जापान यात्रा पर विशेष मीडिया ब्रीफ़्रिग के लिए आज दोपहर हमारे साथ जुड़ने के लिए धन्यवाद। वस्तुतः प्रधान मंत्री जी कुछ घंटों में उड़ान भरने वाले हैं, इसलिए बिना समय व्यर्थ किए हुए, मैं इसे विदेश सचिव महोदय को सौंपता हूँ।

श्री विनय क्वात्रा, विदेश सचिव: धन्यवाद अरिंदम, और प्रधानमंत्री की आगामी जापान यात्रा पर इस विशेष ब्रीफ़्रिग हेतु आज दोपहर यहां आने के लिए आप सभी को नमस्कार। जैसा कि अरिंदम ने बताया, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी टोक्यो, जापान का दौरा करेंगे। वह जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के राजकीय अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए आज अब से कुछ घंटों बाद रवाना होंगे। इस यात्रा के दौरान, प्रधान मंत्री बुडोकन में राजकीय अंतिम संस्कार विधि में शामिल होंगे, जिसके बाद टोक्यो के अकासाका महल में एक अभिवादन समारोह होगा। इस यात्रा के दौरान वह प्रधानमंत्री किशिदा और श्रीमती आबे से भी मुलाकात करेंगे। हम समझते हैं कि 20 से अधिक राष्ट्राध्यक्षों और शासनाध्यक्षों सहित सौ से अधिक देशों के प्रतिनिधियों के कल राजकीय अंतिम संस्कार में भाग लेने की उम्मीद है। आपको याद होगा कि भारत ने 9 जुलाई, 2022 को प्रधानमंत्री शिंजो आबे के सम्मान में एक दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की थी। प्रधान मंत्री मोदी की यह यात्रा उनके लिए पूर्व प्रधान मंत्री आबे की स्मृति को सम्मानित करने का अवसर होगी, जिन्हें वे एक प्रिय मित्र और भारत-जापान संबंधों का एक महान चैंपियन मानते थे।

प्रधान मंत्री मोदी और प्रधान मंत्री आबे ने, गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में 2007 में प्रधान मंत्री मोदी की जापान यात्रा से शुरू करके एक दशक से अधिक समय तक अपनी कई बैठकों और बातचीत के माध्यम से विश्वास और दोस्ती का एक व्यक्तिगत बंधन विकसित किया था। दोनों नेताओं का योगदान बहुत बड़ा था और 2014 में भारत-जापान संबंधों को विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी का दर्जा देने के लिए अकेले ज़िम्मेदार थे।

प्रधान मंत्री आबे ने भारत-जापान संबंधों को गहरा करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया, बड़े पैमाने पर आर्थिक संबंधों को व्यापक, सर्वसमावेशी और रणनीतिक साझेदारी में बदल दिया, जिससे यह हमारे दोनों देशों की सुरक्षा और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए भी अति महत्वपूर्ण हो गया। 2007 में भारतीय संसद में प्रधान मंत्री आबे के प्रसिद्ध "कॉन्फ़्लुएंस ऑफ़ टू सीज़" भाषण ने एक समकालीन राजनीतिक, रणनीतिक और आर्थिक वास्तविकता के रूप में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के उद्भव के लिए आधार तैयार किया। भारत-जापान संबंधों में प्रधान मंत्री आबे के योगदान को 2021 में प्रतिष्ठित पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।

प्रधान मंत्री मोदी की यह जापान यात्रा इस वर्ष की शुरुआत में भारत-जापान शिखर बैठक के लिए प्रधान मंत्री किशिदा की भारत यात्रा और इस वर्ष मई में क्वाड नेताओं के शिखर सम्मेलन के लिए प्रधान मंत्री मोदी की जापान यात्रा के बाद हो रही है। प्रधान मंत्री मोदी और प्रधान मंत्री किशिदा ने मई में क्वाड लीडर्स समिट के मौके पर द्विपक्षीय बैठक भी की थी। इन बैठकों ने भारत-जापान संबंधों को और गहरा करने की दिशा में दोनों नेताओं की निरंतर प्रतिबद्धता को रेखांकित किया है। इस वर्ष भारत-जापान राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ है।

आज, जैसा कि हम सभी जानते हैं, जापान भारत के सबसे भरोसेमंद और मूल्यवान रणनीतिक साझेदारों में से एक है। दोनों पक्ष प्रमुख क्षेत्रों में द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जिनमें अन्य के साथ-साथ शामिल हैं - व्यापार और निवेश, रक्षा और सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य सुरक्षा, बुनियादी ढांचा, डिजिटल स्पेस, औद्योगिक विकास, ऊर्जा, और महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियां और मानव संसाधन। इंडो-पेसिफ़िक क्षेत्र के बारे में हमारे दृष्टिकोण में गहरी समाभिरूपता है और अंतरराष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर हमारे देशों के बीच घनिष्ठ सहयोग है।

आगामी यात्रा के दौरान प्रधान मंत्री मोदी और प्रधान मंत्री किशिदा के बीच द्विपक्षीय बैठक, दोनों नेताओं के लिए भारत-जापान विशिष्ट सामरिक और वैश्विक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करने का अवसर होगी। अब मैं यहीं रुकूंगा और कुछ प्रश्नों के उत्तर दूंगा।

श्री अरिंदम बागची, सरकारी प्रवक्ता: सर धन्यवाद। हम प्रश्नों को लेना आरम्भ करेंगे, कृपया अपना और अपने संगठन का नाम बताएं।

अखिलेशः सर, मैं हूं सांसद टीवी से अखिलेश सुमन। क्‍या आपको उम्मीद है कि इस यात्रा के दौरान कोई अन्‍य द्विपक्षीय बैठक होगी?

सिद्धांत: सर, मेरा प्रश्न मूल रूप से किसी अन्य द्विपक्षीय बैठक के बारे में था, लेकिन निश्चित रूप से, यह यात्रा कितनी लंबी होगी, मेरा मतलब है, यह 24 घंटे की लंबी यात्रा है, क्या आप वह ब्यौरा दे सकते हैं, तो आज जब वह जा रहे हैं और कल जब आएंगे?

ताकाशी: बहुत-बहुत धन्यवाद। मेरा नाम ताकाशी है, मैं असाही शिंबुन, एक जापानी प्रमुख समाचार पत्र से हूँ। मैं बस आपसे पूछना चाहता हूं कि क्या पूर्व प्रधानमंत्री आबे के अंतिम संस्कार के लिए प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शोक व्यक्त करने की कोई अन्य योजना है?

श्री अरिंदम बागची, सरकारी प्रवक्ता: कोई अन्य शोक?

ताकाशी: जी हाँ। हम जानते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने पहले एक लंबे संदेश में गहरी संवेदना व्यक्त की थी।

श्री विनय क्वात्रा, विदेश सचिव: जहां तक ​​किसी अन्य द्विपक्षीय बैठक का संबंध है, इस स्तर पर, नहीं, प्रधान मंत्री की आगामी यात्रा के दौरान कोई अन्य द्विपक्षीय बैठक निर्धारित नहीं है। मैं कार्यक्रम के ब्योरे पर पूरी तरह से जानकार नहीं हूं, लेकिन हम समझते हैं कि यात्रा की अवधि मूलतः यहाँ से प्रस्थान करने से लेकर टोक्यो से प्रस्थान करने तक 12 से 16 घंटे के बीच कहीं भी होगी।

आपके प्रश्न के संबंध में, श्री ताकाशी, आप जानते हैं, जैसा कि मैंने अपने ओपनिंग रिमार्क्स में भी उल्लेख किया था कि जब प्रधान मंत्री आबे इस दुनिया से चले गए थे तो हमने एक दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया था। और मेरे प्रधान मंत्री, जो पूर्व प्रधान मंत्री आबे के एक बहुत प्रिय मित्र हैं, ने भी उस समय अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की थी। इस यात्रा के दौरान, जैसा कि मैंने कहा, मेरे प्रधान मंत्री को सौ अन्य देशों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ 20 देशों और सरकारों के प्रमुखों के साथ अंतिम संस्कार में भाग लेने का अवसर मिलेगा, लेकिन इसके साथ ही, वे प्रधानमंत्री किशिदा और श्रीमती आबे से मिलने का अवसर भी प्राप्त करेंगे ताकि वे देश, राष्ट्र और लीडरशिप तथा श्रीमती आबे को, वहाँ उपस्थित रह कर, व्यक्तिगत रूप से अपनी संवेदनाएं व्यक्त कर सकें। धन्यवाद।

येशी: न्यू इंडियन एक्सप्रेस से येशी सेली। क्या बुलेट ट्रेन के बारे में बातचीत उस द्विपक्षीय कार्यक्रम का हिस्सा होगी जो पीएम मोदी करेंगे?

स्मिता शर्मा: स्मिता शर्मा। विदेश सुरक्षा पर केवल एक स्पष्टीकरण कि क्या प्रधान मंत्री किशिदा के साथ एक संरचित प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत होने जा रही है या यह वास्तव में मात्र एक अभिवादन या शिष्टाचार भेंट है?

स्पीकर 1: यह (अश्रव्य) समाचार पत्र एजेंसी है। मेरे कुछ प्रश्न हैं और तकनीकी मुद्दों के संदर्भ में, क्या द्विपक्षीय बैठक के बाद कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी?

श्री विनय क्वात्रा, विदेश सचिव: जैसा कि मैंने कहा, प्रधान मंत्री की आगामी जापान यात्रा के दौरान, उन्हें निश्चित रूप से प्रधान मंत्री किशिदा के साथ व्यक्तिगत रूप से अपनी संवेदना व्यक्त करने के लिए अवसर प्राप्त होगा। लेकिन इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी की प्रधानमंत्री किशिदा के साथ एक संक्षिप्त द्विपक्षीय बैठक भी होगी। स्वाभाविक रूप से दोनों पक्षों से जुड़े प्रासंगिक लोग उपलब्ध होंगे और इन चर्चाओं में भाग लेंगे। चर्चाओं को ध्यान में रखा जाएगा और समग्र संबंधों, इसकी वर्तमान स्थिति, इसके प्रक्षेपवक्र, इसकी प्रगति, और उन उपायों की त्वरित समीक्षा और आकलन किया जाएगा जिसे दोनों को इसे आगे बढ़ाने के लिए करने की आवश्यकता है और साथ ही दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच उनकी बैठक के इस अवसर का उपयोग उनकी निरंतर प्रतिबद्धता और उन मजबूत प्रयासों की पुष्टि करने के लिए किया जाएगा जिसे दोनों पक्षों के हितधारक इस संबंध को बनाने, आगे बढ़ाने और बढ़ावा देने के लिए जारी रखेंगे। मुझे नहीं लगता कि इस बातचीत में किसी एक विशेष बात का जिक्र करना सही होगा। मुझे लगता है, उस उत्तर में, मैंने संभवत: उस प्रश्न को शामिल कर लिया जो सुश्री शर्मा ने इस संबंध में पूछा था कि क्या यह मात्र एक अभिवादन शिष्टाचार मुलाकात है, जो कि एक द्विपक्षीय के अलावा एक अलग मुलाक़ात है जिसे दोनों प्रधान मंत्री करेंगे। जहां तक ​​प्रधानमंत्री की यात्रा के बाद प्रेस कांफ्रेंस का संबंध है, वह कार्यक्रम अभी तैयारी में है। जैसे ही यह तैयार होगा हम आपको पोस्ट करते रहेंगे।

श्री अरिंदम बागची, सरकारी प्रवक्ता: आपका बहुत-बहुत धन्यवाद विदेश सचिव महोदय, हमारे साथ विदेश मंत्रालय में पूर्वी एशिया डिवीज़न के संयुक्त सचिव श्री शिल्पक अंबुले भी उपस्थित हैं। आपकी उपस्थिति के लिए धन्यवाद। इस प्रेस ब्रीफ़िंग के लिए आप सभी का धन्यवाद। किसी के पास कोई और प्रश्न है?

अखिलेश सुमन: यह एक ऐसा अवसर है जबकि सभी क्वाड नेता होंगे। यद्यपि अमेरिकी राष्ट्रपति नहीं आ रहे हैं, लेकिन उपराष्ट्रपति आ रहे हैं। तो क्या इस समय क्वाड नेताओं के बीच अनौपचारिक बैठक होने की कोई संभावना है?

श्री अरिंदम बागची, सरकारी प्रवक्‍ता: कोई व्यक्ति जो अंतिम समय पर मुझसे छूट गया हो। हाँ, कृपया आगे कहें।

स्पीकर 3: प्रधानमंत्री का वास्तव में कितने बजे जाने का कार्यक्रम है?

श्री अरिंदम बागची, सरकारी प्रवक्ता: आप जानते हैं कि सुरक्षा कारणों से हम सटीक समय नहीं देते हैं। और दूसरा कोई भी नहीं? सर, अपनी बात कहें।

श्री विनय क्वात्रा, विदेश सचिव: प्रधानमंत्री के कार्यक्रम पर टिप्पणी करना वास्तव में मेरे लिए पूरी तरह से गलत, अनुचित और अयोग्य होगा। लेकिन आपके प्रश्न के संबंध में, क्या क्वाड नेताओं के साथ कोई अन्य अनौपचारिक बैठक होगी, जैसा कि जैसा कि मैं कह चुका हूँ, कि प्रधान मंत्री की जापान यात्रा के दौरान प्रधान मंत्री किशिदा के साथ एक संक्षिप्त द्विपक्षीय बैठक के अलावा कोई द्विपक्षीय या कोई अन्य बैठक की योजना नहीं है। धन्यवाद।

श्री अरिंदम बागची, सरकारी प्रवक्ता: बहुत-बहुत धन्यवाद। हमारे साथ शामिल होने के लिए धन्यवाद।

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