मीडिया सेंटर

आधिकारिक प्रवक्ता द्वारा वर्चुअल साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग की प्रतिलिपि (20 अगस्त 2020)

अगस्त 21, 2020

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता:
दोस्तों! नमस्कार और शुभ संध्या।

इस साप्ताहिक ब्रीफिंग में आपका स्वागत है।

मैं आज की शुरुआत वंदे भारत मिशन पर अपडेट के साथ करूंगा। 19 अगस्त 2020 तक, विदेश में फंसे 11.23 लाख भारतीयों को वंदे भारत मिशन के तहत विभिन्न माध्यमों से वापस लाया गया है। वंदे भारत मिशन के जारी पांचवें चरण में विभिन्न देशों से अब तक लगभग 500 अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें और 130 घरेलू फीडर पूरे भारत के 22 हवाई अड्डों से संचालित किए गए हैं। अगस्त 2020 के अंत तक लगभग 375 और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें संचालित होने वाली हैं।

विदेशों में हमारे मिशन और पोस्ट से प्राप्त मांग के निरंतर मूल्यांकन के आधार पर, कुवैत, मालदीव, मलेशिया, सिंगापुर, फिलीपींस, ऑस्ट्रेलिया, यूके और कनाडा से प्रत्यावर्तन हेतु उड़ानें जोड़ी गई हैं। इसके अलावा, जीसीसी देशों से उड़ानों की संख्या में वृद्धि की गई है।

द्विपक्षीय 'एयर बबल' पर, अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, यूएई, कतर और मालदीव के साथ यह व्यवस्था अच्छी तरह से चल रही है। आपने इस सप्ताह की शुरूआत में नागरिक उड्डयन मंत्री की घोषणा देखी होगी, जिसमें उन्होंने कहा था कि ऑस्ट्रेलिया, इटली, जापान, न्यूजीलैंड, नाइजीरिया, बहरीन, इसराइल, केन्या, फिलीपींस, रूस, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, भूटान, नेपाल और श्रीलंका जैसे 18 और देशों के साथ हवाई यात्रा की व्यवस्था पर बातचीत हुई है। इससे यहां फंसे हुए भारतीयों और इन देशों के नागरिकों को फायदा होगा।

तो ये घोषणाएंथीं। अब हम आपके प्रश्नों पर आगे बढ़ेंगे। यतिन, कृपया आप संभालेंगे।

श्री यतिन पटेल, ओएसडी (पीआर): सर, पहला सवाल मातृभूमि से बाला गोपाल ने पूछा है - "केरल सोने की तस्करी मामले पर कोई जानकारी है क्या? क्या यूएई की सरकार ने भारत के साथ अपने जांच के निष्कर्षों को साझा किया है?" एशियानेट के प्रशांत ने पूछा है - "यह पता चला है कि संयुक्त अरब अमीरात के अधिकारियों और कुछ लोगों, जिनको सोने की तस्करी के मामले में आरोपी ठहराया गया है, उन्हें यूएई की रेड क्रिसेंट के अनुदान से बने केरल में हाउसिंग प्रोजेक्ट में कमीशन मिला है। क्या रेड क्रिसेंट से भारी अनुदान प्राप्त करने हेतु विदेश मंत्रालय की सहमति ली गई थी, जो एक विदेशी संगठन है? क्या यूएई ने उनके अधिकारियों से पूछताछ करने के हमारे अनुरोध पर कोई जवाब दिया है?"

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता: देखिए, प्रशांत और बाला गोपाल, मैंने पहले भी इसका जवाब दिया है, मुझे अभी इस बारे में और कोई जानकारी नहीं है। आपको याद होगा कि मैंने कहा था कि यह मामला एनआईए की जांच के अधीन है और जहां तक विदेश मंत्रालय का संबंध है,हम सभी आवश्यक सुविधा प्रदान कर रहे हैं।

श्री यतिन पटेल, ओएसडी (पीआर): अगले कुछ सवाल श्री कुलभूषण जाधव पर है। डब्ल्यूआईओएन से सिद्दांत ने पूछा है - "पाकिस्तान ने कहा है कि भारत कुलभूषण मामले में भारत का कोई वकील चाहता है, लेकिन पाकिस्तान केवल ऐसे वकील की ही अनुमति दी है जो पाकिस्तान में प्रैक्टिस कर रहा हो, इसपर कोई प्रतिक्रिया?" न्यूज़ नेशन के मधुरेंद्र ने पूछा है - "कुलभूषण जाधव केस में भारतीय पक्ष की ओर से क्या प्रगति हुई है?" सीएनएन न्यूज़18 से महा ने पूछा है - "क्या भारत कुलभूषण जाधव के लिए वकील नियुक्त करने वाला है? इस मामले में क्या प्रगति हुई है?" टाइम्स नाउ से श्रीजॉय ने पूछा - "कुलभूषण जाधव को वापस लाने हेतु कोई नई पहल हुई है? क्योंकि पाकिस्तान में कानूनी कार्यवाही विश्वास भरी प्रतीत नहींहोती, इसलिए क्या भारत आईसीजे में जाना चाहता है?"

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता: इस मुद्दे पर, हम राजनयिक माध्यम से पाकिस्तान के संपर्क में हैं। आईसीजे के फैसले के पत्र और भावना को ध्यान में रखते हुए स्वतंत्र और निष्पक्ष सुनवाई के लिए, हमने श्री जाधव को भारतीय वकील प्रदान करने के लिए कहा है। हालाँकि, पाकिस्तान को सबसे पहले मामले के प्रासंगिक दस्तावेजों की प्रतियां देना और श्री जाधव तक अबाधित कांसुलर पहुंच प्रदान करने जैसे मुख्य मुद्दों को हल करना होगा।

श्री यतिन पटेल, ओएसडी (पीआर): अगले सवाल नेपाल पर है। द प्रिंट से नैनीमा ने पूछा है - "नेपाली मीडिया की रिपोर्ट में नई दिल्ली और काठमांडू के बीच सीमा वार्ता जल्द होने की बात कही गई है। क्या विदेश मंत्रालय इसपर कुछ प्रकाश डाल सकता है?" पीटीआई भाषा से दीपक रंजन ने पूछा है - "नेपाल और भारत के बीच हाल के उच्च स्तरीय संवाद के क्या निहितार्थ थे? इसके क्या परिणाम समाने आए हैं?" इसी तरह के सवाल डब्ल्यूआईओएन से सिद्धांत, यूएनआई के अनीश, न्यूज नेशन के मधुरेंद्र और द हिंदू के सुहासिनी ने पूछे हैं।

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता: देखिए, भारत-नेपाल सीमा मुद्दे पर, मैंने पहले ही हमारी स्थिति पिछली ब्रीफिंग में स्पष्ट कर दी है। इसलिए मेरे पास इस बारे में आगे और कुछ जानकारी नहीं है। लेकिन, विशेष रूप से पीटीआई भाषा से दीपक रंजन के सवाल पर मुझे लगता है कि आपका सवाल हाल ही में निरीक्षण तंत्र की बैठक के बारे में है। यह एक द्विपक्षीय निरीक्षण तंत्र है, जिसे 2016 में दोनों पक्षों के बीच स्थापित किया गया था। इस बैठक के परिणाम के बारे में, आपने वह प्रेस विज्ञप्ति देखी होगी जो काठमांडू में हमारे दूतावास द्वारा जारी की गई थी। यह बैठक हमारे नियमित विचार-विमर्श का एक हिस्सा है और इस विशेष तंत्र के तहत सभी द्विपक्षीय परियोजनाओं की व्यापक समीक्षा की गई थी।

श्री यतिन पटेल, ओएसडी (पीआर): अगले सवाल बांग्लादेश पर है। द प्रिंट से नैनीमा ने पूछा है - "बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने विदेश सचिव श्रृंगला की यात्रा के दौरान उनके समक्ष तीस्ता जल बंटवारे, सीए और एनआरसी का मुद्दा उठाया था?" पीटीआई भाषा से दीपक रंजन ने पूछा है - "बांग्लादेश के भारत के विदेश सचिव की यात्रा में, किन मुख्य बिन्दुओं पर चर्चा हुई। इसें किन-किन बातों में सहमति बनी?" यूएनआई के अनीश ने पूछा है - "विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने कल बांग्लादेश से एक पत्र लिखा है, क्या आप ढाका में पदानुक्रम के साथ उनकी मुलाकात का कुछ विवरण दे सकते हैं?" राज्यसभा टीवी से अखिलेश सुमन ने पूछा है - "विदेश सचिव दो दिनों के लिए ढाका में थे, क्या आप उनकी इस यात्रा के परिणाम साझा कर सकते हैं?" दैनिक जागरण के जय प्रकाश ने पूछा - "विदेश सचिव और प्रधानमंत्री शेख हसीना के बीच चर्चा का प्रमुख मुद्दा क्या था?" इसी तरह के सवाल एशिया टाइम्स के सुमित शर्मा और न्यूज नेशन के मधुरेंद्र ने भी पूछे हैं।

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता: यात्रा के परिणामों के बारे में, मेरे पास कुछ जानकारी हैं।

विदेश सचिव (एफएस) हर्षवर्धन श्रृंगला ने 18-19 अगस्त 2020 को बांग्लादेश का दौरा किया। अपनी यात्रा के दौरान, उन्होंने 18 अगस्त को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री महामहिम सुश्री शेख हसीना से मुलाकात की। बैठक के दौरान चर्चा मुख्य रुप से 2020 में बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की 100वीं जयंती और बांग्लादेश की मुक्ति के 50 वर्षों के महत्व तथा 2021 में भारत तथा बांग्लादेश के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के महत्व पर केंद्रित रही। भारत ने मुजीब बरसो के दौरान बंगबंधु पर एक स्मारक डाक टिकट जारी किया। दोनों देशों ने इस अवसर पर संयुक्त कार्यक्रम आयोजित करने का भी प्रस्ताव रखा। प्रधानमंत्री मोदी ने मार्च में मुजीब बरसो के उद्घाटन समारोह में एक वीडियो संदेश के माध्यम से बंगबंधु को श्रद्धांजलि अर्पित की थी।

दोनों पक्षों ने कोविड-19 की स्थिति पर चर्चा की। भारत ने बांग्लादेश को कोविड संबंधित सहायता प्रदान की है और सार्क देशों के नेताओं के वीडियो सम्मेलन और कोविड-19 के लिए सार्क आपातकालीन प्रतिक्रिया कोष के निर्माण के बाद बांग्लादेश के चिकित्सा कर्मियों के लिए क्षमता निर्माण पाठ्यक्रम भी आयोजित कर रहा है। बांग्लादेश ने कोष में 1.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर की प्रतिबद्धता दर्शायी है। विदेश सचिव ने प्रधानमंत्री हसीना को कोविड-19 वैक्सीन के विकास और वितरण हेतु भारत के प्रयासों के संबंध में जानकारी दी। दोनों पक्ष टीके और चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में अपनी चर्चा जारी रखने हेतु सहमत हुए।

बांग्लादेश में भारत की विकासात्मक सहायता के रूप में भी कनेक्टिविटी तथा बिजली क्षेत्र कीपरियोजनाओं पर भी चर्चा की गई। इनमें से रामपाल मैत्री बिजलीघर, भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन, और अखौरा-अगरतला और चिल्हाटी-हल्दीबारी और खुलना-मोंगला रेल लाइन के बीच रेल संपर्क सहित इन परियोजनाओं में से कई को अगले साल पूरा होने की उम्मीद है। यह प्रस्तावित किया गया था कि परियोजनाओं सहित द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण विस्तार की समीक्षा हेतु विदेश मंत्रियों के स्तर पर संयुक्त सलाहकार आयोग की अगली बैठक शीघ्र ही बुलाई जानी चाहिए। यह भी प्रस्तावित किया गया कि जारी परियोजनाओं की प्रगति की नियमित समीक्षा हेतु एक उच्च स्तरीय निगरानी तंत्र स्थापित किया जाए।

अधिकारियों, व्यापार और चिकित्सा से जुड़े यात्रियों के लिए सीमित उड़ानें खोलने हेतु दोनों देशों के बीच यात्रा एयर बबल को शुरू करने के भारत के प्रस्ताव की बांग्लादेश की ओर से सराहना की गई है।

सीमा पार अपराधों को रोकने हेतु बाड़ लगाने और इसके लिए संयुक्त प्रयासों सहित सुरक्षा के क्षेत्रों में सहयोग से संबंधित चर्चा हुई। रखाइन राज्य के आंतरिक रूप से विस्थापितों के सुरक्षित प्रत्यावर्तन का मुद्दा भी चर्चा में शामिल था।

विदेश सचिव ने बांग्लादेश के विदेश सचिव, श्री मसूद बिन मोमन से भी मुलाकात की और द्विपक्षीय हित के सभी मुद्दों पर व्यापक चर्चा की। विदेश सचिव ने बांग्लादेश के विदेश सचिव को भारत आने हेतु भी आमंत्रित किया।

पिछले कुछ वर्षों में, भारत और बांग्लादेश ने भूमि तथा समुद्री सीमाओं सहित कई जटिल मुद्दों को सुलझाया है, और कनेक्टिविटी तथा व्यापार को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं, जिसमें चटोग्राम के माध्यम से अगरतला से कोलकाता तक भारतीय माल की आवाजाही शुरू करना, प्रोटोकॉल के दायरे का विस्तार जो अंतर्देशीय जलमार्ग पर व्यापार और पारगमन को नियंत्रित करते हैं, भारत ने बांग्लादेश के लिए 10 लोकोमोटिव का स्थानांतरण किया है, और दोनों देशों के बीच पार्सल और कंटेनर ट्रेन सेवाओं की शुरुआत जैसी पहलें शामिल हैं।

विदेश सचिव की यह यात्रा आपसी हित के कई प्रमुख क्षेत्रों में विशिष्ट पहलों पर हुई चर्चा के संदर्भ में उपयोगी थी। यह उस प्राथमिकता को भी दर्शाता है जो भारत बांग्लादेश को अपनी नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी के हिस्से के रूप में देता है। दोनों देशों का शीर्ष नेतृत्व नियमित संपर्क में रहा है जिसने हमारे उत्कृष्ट द्विपक्षीय संबंधों में गति बनाए रखने में मदद की है।

और नैनीमा, विशेष रूप से आपके सवाल का जवाब ये है कि, जिन मुद्दों का आपने उल्लेख किया है, उनपर चर्चा नहीं हुई थी।

श्री यतिन पटेल, ओएसडी (पीआर): संकी शिंबुन से देवदीप ने पूछा है - "कुछ मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी और जापानी प्रधानमंत्री आबे अगले महीने की शुरुआत में एक वर्चुअल समिट करेंगे, क्या इसकी कोई संभावना है? एनएचके से अभिषेक धुलिया ने पूछा है - "सितंबर की शुरुआत में भारत-जापान समिट के वर्चुअल आयोजन की खबरें हैं, क्या आप इस बैठक के बारे में और जानकारी दे सकते हैं?"

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता: देखिए, भारत तथा जापान का यह नियमित वार्षिक शिखर सम्मेलन है और आपको पता होगा कि यह शिखर सम्मेलन पिछले साल दिसंबर में होना था लेकिन यह स्थगित हो गया था। इसके बाद दोनों पक्ष राजनयिक चैनलों के माध्यम से संपर्क में हैं और इसकी तारीख तय हो जाने पर हम आपको जरुर बताएंगे।

श्री यतिन पटेल, ओएसडी (पीआर): द हिंदू से सुहासिनी ने पूछा है - "बांग्लादेश के विदेश सचिव ने कहा है कि, उन्होंने तब्लीगी लोगों की हालत पर चिंता जताई थी जो बांग्लादेशी नागरिक हैं। उनके और अन्य देशों की इस संदर्भ में चिताओं पर भारत की क्या प्रतिक्रिया है?" उन्होंने यह भी पूछा है - "विदेश मंत्रालय ने लगभग 34 देशों के तब्लीगी जमात के कार्यकर्ताओं को एमएचए को कानूनी मंजूरी देने हेतु कहा है, जो अभी भी कोविड और वीजा से संबंधित उल्लंघन के आरोपों में भारत में हैं?"

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता: तब्लीगी जमात के कार्यकर्ताओं से जुड़े सवाल पर, मैंने पहले कहा था कि उन्होंने दलील देने हेतु अनुरोध किया है और उस अनुरोध को अदालत ने स्वीकार कर लिया है। उन पर जुर्माना लगाया गया और देश छोड़ने को कहा गया। मेरे पास जो जानकारी है, उसके अनुसार, अभी तक लगभग विदेशों से आए 1030 तब्लीगी जमात के लोगों को अदालतों द्वारा छोड़ दिया गया है और उनके संबंधित विदेशी दूतावासों को सूचित कर दिया गया है। इन 1030 में, 550 पहले ही देश छोड़ चुके हैं। विशेष रूप से बांग्लादेश से जुड़े सवाल पर, विदेश सचिव के साथ अपनी बैठक के दौरान बांग्लादेश के विदेश सचिव ने स्वीकार किया कि बांग्लादेश से अधिकांश तब्लीगी अपने देश लौट आए हैं और हम संबंधित अधिकारियों के साथ काम करना जारी रखेंगे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि जो बचे हुए हैं, उनकी वापसी की सुविधा प्रदान की जाए।

श्री यतिन पटेल, ओएसडी (पीआर): एशियानेट के प्रशांत ने पूछा है - "क्या कोविड-19 की वजह से विदेशों में मरने वाले भारतीयों की कोई समेकित सूची है?"

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता: प्रशांत, मुझे ऐसी किसी सूची के बारे में जानकारी नहीं है।

श्री यतिन पटेल, ओएसडी (पीआर): द हिंदू से सुहासिनी ने पूछा है - "रूसी वैक्सीन निर्माता आरडीआईएफ के साथ भारत किस तरह के सहयोग पर चर्चा कर रहा है? क्या भारत को पूरा भरोसा है कि उत्पादन हेतु वैक्सीन को बनाने में सभी प्रोटोकॉल का पालन किया गया है?"

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता: देखिए सुहासिनी, सरकार ने कोविड-19 के लिए वैक्सीन क्रियान्वयन पर एक राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह की स्थापना की है। इस समूह का उद्देश्य भारत के लिए और दुनिया के लिए कोविड-19 महामारी से निपटने हेतु वैक्सीन खोजने, तैयार करने, उत्पादन करने और लॉन्च करने में दुनिया भर में चल रहे किसी भी प्रयास में भारत को सबसे आगे रखना है।

विदेश मंत्रालय के इनपुट तथा सहयोग से, यह विशेषज्ञ समूह उन भारतीय कंपनियों को जोड़ने में मदद करेगा जो किसी भी संभावित टीकों में रुचि रखती हैं, और संबंधित परीक्षण डेटा हमारी नियामक एजेंसियों को उपलब्ध हो, यह सुनिश्चित करके प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाता है।

नियामक तब भारत में किसी भी टीके के उपयोग पर निर्णय लेने से पहले इसके परीक्षण की प्रकृति पर निर्णय ले सकता है।

श्री यतिन पटेल, ओएसडी (पीआर): सर, अगले सवाल चीन पर है। टीवी9 भारतवर्ष से मनीषा झा ने पूछा है - "भारत और चीने के बीच अब तक सैन्य और राजनयिक स्तर की कुल 15 से अधिक बैठकें हो चुकी हैं। इतने प्रयासों में नतीजे बहुत उत्साह जनक नहीं हैं। आखिर बात कहां अटक रही है।" द प्रिंट से नैनीमा ने पूछा - "डब्ल्यूएमसीसी बैठक को लेकर क्या अपडेट है?" यूएनआई के अनीश ने पूछा है - "पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सीमा गतिरोध पर क्या अपडेट हैं?" रक्षक न्यूज से रंजीत कुमार ने पूछा है - "डब्ल्यूएमसीसी के दौरान सीमा मुद्दे को हल करने हेतु कोई नई आम सहमति बनी है या फिर बात आगे बढ़ी है?" एशिया टाइम्स के सुमित शर्मा ने पूछा है - "घुसपैठ के विभिन्न क्षेत्रों से अपने सैनिकों को हटाने पर चीन का क्या रुख है? आज की चर्चा का क्या परिणाम निकला?" सीएनएन न्यूज18 से महा ने पूछा है - "आज डब्ल्यूएमसीसी की बैठक में, भारत की ओर से पैंगोंग, गोगरा और देपसांग में विघटन प्रक्रिया के रुकने पर चीन को क्या संदेश दिया गया है। टाइम्स नाउ से श्रीजॉय ने पूछा है कि - "आज की डब्ल्यूएमसीसी बैठक का क्या परिणाम रहा?" इसी तरह के सवाल डब्ल्यूआईओएन के सिद्धांत, न्यूज़ नेशन के मधुरेंद्र, इंडिया वर्सेस डिसइनफो से शंकर, राज्यसभा टीवी से अखिलेश सुमन और एशियन एज से श्रीधर ने भी पूछे हैं।

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता: आज की डब्ल्यूएमसीसी बैठक के संदर्भ में मैं आपको कुछ और जानकारी दे सकता हूं।

भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय हेतु कार्य तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) की 18वीं बैठक आज आयोजित की गई। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) ने किया था, जबकि चीन के विदेश मंत्रालय के सीमा और महासागरीय मामलों के विभाग के महानिदेशक ने चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया।

दोनों पक्षों ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में मौजूदा स्थिति पर विचारों का स्पष्ट और गहनता से आदान-प्रदान किया। उन्होंने पुष्टि की कि दोनों विदेश मंत्रियों और दो विशेष प्रतिनिधियों (एसआर) के बीच हुए समझौतों के अनुसार, दोनों पक्ष पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से सैनिकों के पूर्ण विस्थापन हेतु निष्ठा से काम करना जारी रखेंगे। इस संदर्भ में वे शेष मुद्दों को शीघ्रता से और मौजूदा समझौतों और प्रोटोकॉल के अनुसार हल करने हेतु सहमत हुए। दोनों पक्ष में इस बात पर सहमति बनी कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और शांति की बहाली द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास हेतु आवश्यक है।

दोनों पक्षों ने पूरी तरह से विघटन सुनिश्चित करने हेतु राजनयिक तथा सैन्य चैनलों के माध्यम से संचार बनाए रखने की आवश्यकता को स्वीकार किया। इस संबंध में, वे डब्ल्यूएमसीसी की बैठकों के माध्यम से अपनी चल रही वचनबद्धता को जारी रखने हेतु भी सहमत हुए।

धन्यवाद।
तो अब यह साप्ताहिक ब्रीफिंग समाप्त होती है।
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