मीडिया सेंटर

आधिकारिक प्रवक्ता द्वारा वर्चुअल साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग की प्रतिलिपि (14 अगस्त 2020)

अगस्त 15, 2020

श्री अनुराग श्रीवास्तव,आधिकारिक प्रवक्ता:
दोस्तों,
नमस्कार और शुभ संध्या!

इस साप्ताहिक ब्रीफिंग में आपका स्वागत है। मैं कुछ घोषणाओं के साथ शुरुआत करुँगा। पहली वह जिसमें हाल ही में काफी रुचि पैदा हुई है। संयुक्त अरब अमीरात और इजरायल के बीच संबंधों के पूर्ण सामान्यीकरण की घोषणा पर विदेश मंत्री को आज दोपहर संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्री का फोन आया। भारत ने पश्चिम एशिया में शांति, स्थिरता तथा विकास का हमेशा ही समर्थन किया है, जो इसका विस्तारित पड़ोस है। इस संदर्भ में, हम संयुक्त अरब अमीरात और इजरायल के बीच संबंधों के पूर्ण सामान्यीकरण का स्वागत करते हैं। दोनों राष्ट्र भारत के प्रमुख रणनीतिक साझेदार हैं। भारत फिलिस्तीनी हितो के लिए अपना पारंपरिक समर्थन जारी रखे हुए है। हमें स्वीकार्य दो-राष्ट्रीय समाधान खोजने हेतु सीधी बातचीत की जल्द बहाली की उम्मीद है।

मेरी दूसरी घोषणा आज सुबह से शुरु होने वाली लेबनान के लिए हमारी मानवीय सहायता पर हुए विकास को लेकर है। 4 अगस्त को बेरूत में बड़े पैमाने पर हुए विस्फोट के जवाब में, हमने लेबनान को अपनी सहायता की पेशकश की और उन्होंने उनकी आवश्यकता के अनुसार सहायता मांगी। इसके आधार पर, आज सुबह, एक भारतीय वायु सेना सी-17 विमान को भारत सरकार की ओर से 58 मीट्रिक टन आपातकालीन मानवीय सहायता देने हेतु लेबनान भेजा गया है। विमान कुछ घंटे पहले बेरूत में उतरा और यह सहायता लेबनानी सशस्त्र बलों के वरिष्ठ अधिकारियों को हमारे राजदूत द्वारा सौंप दी गई है जो सभी राहत प्रयासों का समन्वय कर रहे हैं। इस सहायता में आपातकालीन चिकित्सा आपूर्ति, गेहूं का आटा, चीनी और दालें और कंबल, डिग्नटी किट और स्लीपिंग मैट जैसी राहत सामग्री भी शामिल हैं, जिनकी बड़ी संख्या में बेघर हुए लोगों को जरुरत है। लेबनान में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि को देखते हुए भारत सरकार ने अलग से सुरक्षा उपकरण भेजे हैं, जिनमें सर्जिकल दस्ताने और सर्जिकल गाउन शामिल हैं। कुछ ही दिनों में इस खेप के बेरूत पहुंचने की उम्मीद है।

मैं वंदे भारत मिशन पर भी जारकारी देना चाहता हूं। आपको याद होगा कि इस सप्ताह की शुरुआत में 11 अगस्त को, हमने वंदे भारत मिशन के तहत एक मिलियन का आंकड़ा पार कर लिया था। अभी तक, लगभग 10.5 लाख फंसे हुए भारतीय इस मिशन के तहत विभिन्न माध्यमों से वापस लौटे हैं।

वंदे भारत मिशन का पांचवां चरण अभी जारी है। इस चरण के तहत 1 से 12 अगस्त तक, 300 अंतरराष्ट्रीय उड़ानें और 70 घरेलू फीडर पूरे भारत के 22 हवाई अड्डों से संचालित किए गए हैं। इस महीने लगभग 500 अंतरराष्ट्रीय उड़ानें संचालित होने वाली हैं।

हमारे मिशन और पोस्ट से प्राप्त मांग के निरंतर मूल्यांकन के आधार पर, आर्मेनिया, बांग्लादेश, जापान, इजरायल, न्यूजीलैंड, फिलीपींस, श्रीलंका, थाईलैंड और यूक्रेन से प्रत्यावर्तन हेतु उड़ानें जोड़ी गई हैं। इसके अलावा, जीसीसी देशों और दक्षिण पूर्व एशिया से उड़ानों की संख्या में वृद्धि की गई है।

अमेरिका, जर्मनी और फ्रांस के साथ द्विपक्षीय 'ट्रैवल बबल' की व्यवस्था के अलावा, जिसका परिचालन चल रहा है, यूके के साथ यह व्यवस्था 1 सितंबर 2020 से शुरू होने वाली है। हमारे पड़ोसी देशों सहित अन्य देशों के साथ भी ऐसी व्यवस्था जल्द शुरु होने की उम्मीद है। कल हमने मालदीव के साथ एक ट्रैवल बबल व्यवस्था की घोषणा की।

7 अगस्त 2020 को दुबई से कोझिकोड तक आने वाले IX 1344 की दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना के बाद, विदेश मंत्रालय ने प्रभावितों को जानकारी और सहायता प्रदान करने हेतु 24x7 नियंत्रण कक्ष के हेल्पलाइन की स्थापना की थी। यह नियंत्रण कक्ष 10 अगस्त तक चालू रहा।

8 अगस्त को, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 'एयर सुविधा' नामक एक ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया, जो आने वाले यात्रियों को संस्थागत संगरोध से छूट हेतु ऑनलाइन आवेदन करने की सुविधा देता है। यह उन यात्रियों पर लागू होगा जो स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार इस तरह की छूट के पात्र हैं।

तो ये थीं वे घोषणाएं। अब हम आपके प्रश्नों पर आगे बढ़ेंगे। यतिन, कृपया आप संभालेंगे।

श्री यतिन पटेल,ओएसडी (पीआर): महोदय, प्रश्नों का पहला सेट इज़राइल-यूएई राजनयिक संबंधों पर है। राज्यसभा से अखिलेश सुमन ने पूछा है, इजरायल-यूएई सौदे पर भारत की प्रतिक्रिया क्या है और इसका फिलिस्तीन से जुड़े मुद्दों पर क्या प्रभाव पड़ेगा? इसी तरह के प्रश्नों पर डब्ल्यूआईओएन के सिद्धांत, नवभारत टाइम्स के नरेंद्र नाथ, रक्षक न्यूज के रंजीत कुमार, द वायर से देविरुपा और हिंदू से सुहासिनी ने भी प्रतिक्रिया मांगी है।

श्री अनुराग श्रीवास्तव,आधिकारिक प्रवक्ता: हमारा बयान इस संबंध में हमारी स्थिति को स्पष्ट रूप से व्यक्त करता है और मैं इसे अपने जवाब में दोहराऊंगा। हम फिलिस्तीनी हितों के लिए अपने पारंपरिक समर्थन की पुष्टि करते हैं और हम एक स्वीकार्य दो-राष्ट्रीय समाधान खोजने हेतु प्रत्यक्ष वार्ता के फिर से शुरू होने की अपेक्षा करते हैं और भारत का दृष्टिकोण हमेशा से पश्चिम एशिया में शांति, विकास और स्थिरता के उद्देश्य के प्रति निर्देशित रहा है।

श्री यतिन पटेल,ओएसडी (पीआर): अगला प्रश्न मातृभूमि समाचार से श्री बाला गोपाल ने पूछा है - "मीडिया में ऐसी खबरें हैं कि यूएई सरकार ने रमजान के दौरान केरल में लगभग 6000 पवित्र कुरान वितरित किए हैं। क्या यूएई सरकार ने हमारे देश में धार्मिक पुस्तकों के वितरण हेतु भारत सरकार से पूर्व स्वीकृति ली है? यदि नहीं, तो क्या इससे किसी प्रोटोकॉल का उल्लंघन होता है? क्या इस मामले में कोई जांच चल रही है?" उन्होंने एक और प्रश्न पूछा है - "केरल सोने की तस्करी मामले पर संयुक्त अरब अमीरात से कोई जानकारी आई है?"

श्री अनुराग श्रीवास्तव,आधिकारिक प्रवक्ता: श्री बाला गोपाल, आपके पहले सवाल का जवाब देने के लिए, मेरे पास अभी कोई जानकारी नहीं है और सोने की तस्करी के मामले में, जैसा कि मैंने पहले कहा था, यह मामला एनआईए की जांच के अधीन है और विदेश मंत्रालय जांच के लिए सभी आवश्यक सुविधा प्रदान कर रहा है। मेरे पास इससे आगे की कोई जानकारी नहीं है।

श्री यतिन पटेल,ओएसडी (पीआर): न्यू इंडियन एक्सप्रेस से पुष्कर ने पूछा है - "क्या 15 अगस्त को सीमा मुद्दों पर पीएम मोदी और उनके नेपाली समकक्ष ओली के बीच वार्ता होगी?" नवभारत टाइम्स के नरेंद्र नाथ ने पूछा है - "नेपाल मीडिया में खबर है कि 15 अगस्त को पीएम ओली और पीएम मोदी के बीच बात हो सकती है, क्या कोई सूचना है?" द प्रिंट से नैनिमा ने पूछा है -"इस सप्ताह पीएम मोदी और नेपाल के पीएम ओली के बीच बातचीत होने की कोई जानकारी है?"

श्री अनुराग श्रीवास्तव,आधिकारिक प्रवक्ता: मुझे इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है। मुझे इस बारे में देखना होगा।

श्री यतिन पटेल,ओएसडी (पीआर): प्रश्नों का अगला सेट श्री कुलभूषण जाधव पर आधारित है। डब्ल्यूआईओएन के सिद्धांत ने पूछा है - "जाधव पर, भारत को 3 सितंबर के मामले हेतु आमंत्रित किया गया है और भारत ने दस्तावेज मांगे हैं। क्या पाकिस्तानी पक्ष की ओर से कोई प्रतिक्रिया आई है?" न्यू इंडियन एक्सप्रेस से पुष्कर ने पूछा है - "क्या कुलभूषण जाधव मामले पर कोई नई जानकारी है?" टाइम्स नाउ से श्रीजॉय ने पूछा है - "कुलभूषण जाधव मामले में निष्पक्ष सुनवाई है, इसके लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?" न्यूज नेशन के मधुरेंद्र ने पूछा है - "कुलभूषण जाधव मामले में कोई अपडेट हो तो बताइए।"

श्री अनुराग श्रीवास्तव,आधिकारिक प्रवक्ता: जैसा कि मैंने अपने शुरुआती बयान में बताया था कि, पाकिस्तान अपने पत्र और तात्पर्य में आईसीजे के फैसले के कार्यान्वयन हेतु मुख्य मुद्दों को संबोधित करने में लगातार विफल रहा है और ये मुद्दे संबंधित दस्तावेजों के प्रावधान, साथ ही साथ श्री कुलभूषण जाधव तक अप्रभावित कांसुलर पहुँच प्रदान करने से संबंधित हैं। इस पर हमारी अभी यही स्थिति है।

श्री यतिन पटेल,ओएसडी (पीआर): स्ट्रेट न्यूज़ ग्लोबल से पारुल चंद्रा ने पूछा है कि - "नेपाल के विदेश मंत्री, प्रदीप ग्यावली ने हाल ही में कहा था कि 1947 का त्रिपक्षीय समझौता, जो नेपाली गोरखाओं को भारतीय और ब्रिटिश सेनाओं में सेवा करने की अनुमति देता है, निरर्थक हो गया है और इसकी समीक्षा करने की जरूरत है। इसपर विदेश मंत्रालय की क्या प्रतिक्रिया है।

श्री अनुराग श्रीवास्तव,आधिकारिक प्रवक्ता: पारुल, हम इस टिप्पणी से अवगत हैं, लेकिन मुझे इस संबंध में किसी भी आधिकारिक चर्चा की कोई जानकारी नहीं है।

श्री यतिन पटेल,ओएसडी (पीआर): द हिंदू से कल्लोल ने पूछा है - "क्या नेपाल के साथ आगामी निगरानी तंत्र की बातचीत में यूपी और बिहार में आई बाढ़ पर चर्चा होगी?" कांतिपुर एक्सप्रेस के सुरेश ने पूछा है कि - "ऐसी रिपोर्ट हैं कि भारत और नेपाल इस सप्ताह निगरानी तंत्र पर चर्चा हेतु बैठक करेंगे, इसमें किन मुद्दों पर चर्चा की जा सकती है? सीमा मुद्दे पर संभावित वार्ता की वर्तमान स्थिति क्या है?" पीटीआई भाषा से दीपक रंजन ने पूछा है - "क्या नेपाल के साथ भारत की कोई उच्च स्तरीय बैठक प्रस्तावित है?"

श्री अनुराग श्रीवास्तव,आधिकारिक प्रवक्ता: निर्धारित निगरानी तंत्र के संबंध में मुझे लगता है कि आप 17 अगस्त को होने वाली बैठक के बारे में बारे में बात कर रहे हैं। यह एक ऐसा तंत्र है जिसे 2016 में नेपाल में हमारी सभी द्विपक्षीय आर्थिक तथा विकासात्मक परियोजनाओं की समीक्षा हेतु स्थापित किया गया था। इसलिए इस बैठक में पूरे नेपाल में जारी ऐसी सभी परियोजनाओं की समीक्षा होगी। सीमा के मुद्दे से जुड़े प्रश्नों के संबंध में, मुझे लगता है कि इस भारत-नेपाल सीमा मुद्दे पर हमारी स्थिति को, मैंने कई मौकों पर स्पष्ट किया है और इसमें आगे की जानकारी अभी मेरे पास नहीं है।

श्री यतिन पटेल,ओएसडी (पीआर): डब्ल्यूआईओएन के सिद्धांत ने पूछा है - "अफगान शांति प्रक्रिया पर भारत की प्रतिक्रिया क्या है, जैसा कि अफगान सरकार ने कैदियों को रिहा करने का फैसला किया है?"

श्री अनुराग श्रीवास्तव,आधिकारिक प्रवक्ता: सिद्धांत हमने इसपर ध्यान दिया है और जहां तक​भारत का संबंध है, हम अफगानिस्तान में शांति और सुलह प्रक्रिया का पुरजोर समर्थन करते हैं। हम अंतर-अफगान वार्ता का भी समर्थन करते हैं।

श्री यतिन पटेल,ओएसडी (पीआर): टाइम्स नाउ से श्रीजॉय ने पूछा है - "पाकिस्तान को हाल ही में अफगानिस्तान में अपने एक मिशन में गुलबुद्दीन हिकमतयार का सहयोग मिला है। उन्हें अतीत में मानवाधिकारों के हनन के लिए जाना जाता है। इस तरह के उकसावे पर आपकी क्या प्रतिक्रिया होगी।"?
श्री अनुराग श्रीवास्तव,आधिकारिक प्रवक्ता: श्रीजॉय, हमने पाकिस्तान सरकार द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र के पूर्व नामित आतंकवादी की भागीदारी की मीडिया रिपोर्टों को देखा है। यह कोई नई बात नहीं है, पाकिस्तान न केवल आतंकी संगठनों को शरण देता है, बल्कि उन्हें प्रोत्साहित भी करता है। हमें उम्मीद है कि संयुक्त राष्ट्र के एक पूर्व आतंकवादी द्वारा सार्वजनिक कार्यक्रमों में इस तरह की भागीदारी पर हर किसी का ध्यान जाएगा।

श्री यतिन पटेल,ओएसडी (पीआर): न्यूज़ 18 के शैलेंद्र ने पूछा है कि - "मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री, डॉ. महाथिर 8 अगस्त 2020 को कुआलालंपुर में पाकिस्तानी उच्चायोग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए और कहा कि अब वो कश्मीर मुद्दे को बिना संकोच के संबोधित करेंगे।" विदेश मंत्रालय की इसपर क्या टिप्पणी है?"

श्री अनुराग श्रीवास्तव,आधिकारिक प्रवक्ता: खैर, आप इस मुद्दे पर डॉ. महाथिर मोहम्मद के दृष्टिकोण और स्थिति से अवगत हैं। जैसा कि एक कहावत है कि, इंसान अपनी संगति से जाना जाता है।

श्री यतिन पटेल,ओएसडी (पीआर): द हिंदू से सुहासिनी ने पूछा - "क्या सरकार, वाशिंगटन में मौजूद हमारे भारतीय दूतावास ने कमला हैरिस को डेमोक्रेट वाइस प्रेसिडेंट कैंडिडेट के लिए उनके नामांकन पर बधाई दी है, यह देखते हुए कि पहली बार कोई भारतीय पृष्ठभूमि का व्यक्ति, यहाँ पहुँचा है?

श्री अनुराग श्रीवास्तव,आधिकारिक प्रवक्ता: देखिए, सामान्य रूप से हम किसी अन्य देश की चुनावी प्रक्रिया पर टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे।

श्री यतिन पटेल,ओएसडी (पीआर): सीएनएन न्यूज़ 18 से महा ने पूछा है कि - "क्या चार्ली पैंग के लिए चीन ने कांसुलर एक्सेस मांगा है और क्या विदेश मंत्रालय ने अभी तक कोई जांच शुरू की है कि चार्ली पैंग गुवाहाटी से भारतीय पासपोर्ट लेने में कैसे कामयाब रहे?"

श्री अनुराग श्रीवास्तव,आधिकारिक प्रवक्ता: महा, हमने रिपोर्ट देखी है और हम अभी इसपर और जानकारी मिलने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

श्री यतिन पटेल,ओएसडी (पीआर): न्यूज नेशन के मधुरेंद्र ने पूछा है कि - "ज़ाकिर नाइक मामले में कोई अपडेट हो तो साझा करें।"

श्री अनुराग श्रीवास्तव,सरकारी प्रवक्‍ता: मधुरेंद्र, इस मामले में हम मलेशिया सरकार के संपर्क में हैं और जब भी इस पर कोई अपडेट होगा, आपको बताया जाएगा।

श्री यतिन पटेल,ओएसडी (पीआर): एशियन एज से श्रीधर ने पूछा है कि - "लद्दाख में चीनी खींचतान पूरी तरह से शांत हो गई है? अब भारत के पास क्या विकल्प हैं, यह देखते हुए कि डी-एस्केलेशन प्रक्रिया अनिश्चित समय तक के लिए रुकी हुई है? "टाइम्स नाउ से श्रीजॉय ने पूछा है कि - "आपने सुना होगा, चीनी राजदूत ने कहा है कि यह भारत के ऊपर है कि वह चीन से आधे रास्ते पर मिले। वास्तव में यहाँ आधे रास्ते से क्या मतलब है? चीन के इस बयान पर कि समाधान खोजना अब भारत के ऊपर है, भारत क्या प्रतिक्रिया कर रहा है?" न्यू इंडियन एक्सप्रेस के पुष्कर ने पूछा है कि - "राजदूत विक्रम मिश्री ने आज केंद्रीय सैन्य आयोग के अंतर्राष्ट्रीय सैन्य सहयोग के कार्यालय के निदेशक मेजर जनरल सीवाई गौवे से मुलाकात की और उन्होंने पूर्वी लद्दाख की सीमाओं पर भारत की स्थिति को स्पष्ट किया। क्या सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया की प्रणाली में कोई व्यवधान उत्पन्न हुआ था? "न्यूज़ नेशन के मधुरेंद्र ने पूछा है कि - "पिछले दो दिनों में चीन सहित भारत के राजदूत ने चीन के राजनीतिक नेतृत्व और सैन्य नेतृत्व से मुलाकात की, इसका क्या परिणाम रहा? डिसएंगेजमेंट से चीन इंकार कर रहा है, स्टैंडऑफ की बात भारत के ऊपर थोप रहा है?, चीन के इस स्टैंड पर क्या जवाब है?" लाइव मिंट से एलिजाबेथ ने पूछा है कि - "अगली डब्ल्यू.एम.सी.सी. वार्ता कब हो रही है?" इसी तरह के सवाल सीएनएन न्यूज 18 से महा, द प्रिंट से नैनीमा, दूरदर्शन से अभिषेक, न्यूज 18 इंडिया से सचिन बधोरिया, नीरज, द हिंदू से शैलेंद्र और सुहासिनी ने पूछे हैं।

श्री अनुराग श्रीवास्तव,आधिकारिक प्रवक्ता: इन सवालों के जवाब में, मेरे पास एक वक्तव्य है।

जैसा कि आप जानते हैं कि भारत तथा चीन दोनों राजनयिक और सैन्य प्रणाली के माध्यम से भारत-चीन सीमा क्षेत्रों से पूर्ण विघटन सुनिश्चित करने हेतु बातचीत कर रहे हैं। यह भारत तथा चीन के विशेष प्रतिनिधियों के बीच हुए समझौते के अनुसार हो रहा है, जिसमें दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति जताई है कि द्विपक्षीय समझौते और प्रोटोकॉल के अनुसार वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैनिकों का पूरी तरह से पीछे हटना और भारत चीन सीमा पर तनाव खत्म करना और शांति कायम करना द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण विकास सुनिश्चित करने के लिये आवश्यक है। डब्ल्यूएमसीसी और वरिष्ठ कमांडरों की कई बैठकें हुई हैं, जिसमें दोनों पक्षों ने चल रही विघटन प्रक्रिया के कार्यान्वयन और इसे जल्द से जल्द पूरा करने हेतु कदम उठाने पर चर्चा की है। जल्द ही और बैठकें होने की संभावना है।

मैंने पिछले महीने आप सभी को अवगत कराया था कि दोनों पक्षों ने विघटन के व्यापक सिद्धांतों पर आपसी सहमति व्यक्त की है और इसके आधार पर, पहले ही कुछ प्रगति हुई थी। मुझे इस संबंध में आगे यह कहना है कि इन सिद्धांतों को वास्तविक रुप से लागू करना एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें एलएसी के अपने संबंधित पक्षों पर अपने नियमित चौकियों पर प्रत्येक पक्ष द्वारा सैनिकों की फिर से तैनाती की आवश्यकता होती है। यह स्वाभाविक है कि ऐसा केवल पारस्परिक रूप से सहमत प्रक्रियाओं के माध्यम से ही किया जा सकता है।

हालांकि हम चाहते हैं कि जल्द से जल्द पूरी होने वाली विघटन प्रक्रिया पूरी हो, लेकिन यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि ऐसा करने हेतु दोनों पक्षों द्वारा आपसी सहमति के आधार पर कार्रवाइयों की आवश्यकता होती है। इसलिए, हम उम्मीद करते हैं कि चीनी पक्ष सैनिकों के पूरी तरह से पीछे हटने तथा डी-एस्केलेशन और सीमा क्षेत्रों में पूरी तरह से शांति बहाल करने हुए शीघ्र हमारे साथ मिलकर काम करेगा, जैसी कि पहले विशेष प्रतिनिधियों द्वारा सहमति व्यक्त की गई थी।s

यह हमारे द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के संदर्भ में भी ज़रूरी है। जैसा कि विदेश मंत्री ने हाल के एक साक्षात्कार में कहा था कि, "सीमा पर स्थिति और हमारे भविष्य के संबंध एक दूसरे से अलग नहीं हो सकते।"

तो, इसपर यही मेरा वक्तव्य और प्रतिक्रिया है। यतिन और भी प्रश्न हैं?

श्री यतिन पटेल,ओएसडी (पीआर): नहीं, सर।

श्री अनुराग श्रीवास्तव,आधिकारिक प्रवक्ता: धन्यवाद। तो अब यह साप्ताहिक ब्रीफिंग समाप्त होती है।

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