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नई एवं उभरती प्रौद्योगिकियों के आतंकवाद के लिए दुरुपयोग की चुनौती से निपटने पर दिल्ली घोषणा

नवम्बर 29, 2022

इसकी पुष्टि कि किसी भी प्रारूप तथा अभिव्यक्तियों में मौजूद आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति व सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक है, और आतंकवाद का कोई भी कृत्य आपराधिक और अन्यायपूर्ण है, चाहे उनकी मंशा कुछ भी हो, जब भी, कहीं भी और किसी के भी द्वारा की गई हो तथा वैश्विक स्तर पर इस संकट से निपटने हेतु अधिक प्रभावी प्रयास करना और इसमें योगदान देने का दृढ़ संकल्प,

2. इस बात पर बल देता है कि आतंकवाद अभी भी बड़ा खतरा बना हुआ है, कई सदस्य राष्ट्रों की आबादी प्रभावित हो रही है, जिससे प्रभावित क्षेत्रों में संघर्ष बढ़ाता है, और ऐसे राष्ट्र कमजोर हो जाते हैं, विशेषतः उनकी सुरक्षा, स्थिरता, प्रशासन, सामाजिक व आर्थिक विकास,

3. इसकी पुष्टि करता है कि आतंकवाद को किसी धर्म, राष्ट्रीयता, सभ्यता या जातीय समूह से नहीं जोड़ा जाना चाहिए,

4. इस बात पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कि आतंकवाद, चाहे इसका प्रारूप तथा अभिव्यक्ति कुछ भी हो, इसके दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ते मामलों के साथ, विशेषतः आतंकवाद के लिए आतंकवादियों द्वारा नई एवं उभरती प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल से इसका अधिक विस्तार हो गया है, यह स्वीकार करता है कि प्रौद्योगिकी में नवोन्मेष आतंकवाद रोधी अवसर प्रदान कर सकते हैं,

5. आतंकवादियों और उनके समर्थकों द्वारा विश्व भर में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सहित इंटरनेट तथा सूचना एवं संचार जैसी अन्य प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल आतंकवादी कृत्यों को करने भर्ती व ऐसा करने के लिए उकसाने, साथ ही साथ उनकी गतिविधियों के लिए वित्तपोषण, योजना, तैयारी हेतु जैसे आतंकवाद के लिए करने पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए इसपर विशेष ध्यान देना,

6. यह स्वीकार करता है कि क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म समेत वर्चुअल एसेट्स और नए वित्तीय साधन जैसे वित्तीय प्रौद्योगिकियों, उत्पादों व सेवाओं में नवोन्मेष से आर्थिक अवसर प्रदान हो सकते हैं, लेकिन इनके दुरुपयोग का जोखिम भी हो सकता हैं, जिसमें आतंकवाद के लिए वित्तपोषण भी शामिल है,

7. आतंकवादियों द्वारा महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे व सॉफ्ट टारगेट या सार्वजनिक जगहों में घुसपैठ, और ड्रग्स व हथियारों की ट्रैफिकिंग के लिए मानव रहित हवाई प्रणालियों (यूएएस) के बढ़ते वैश्विक दुरूपयोग पर चिंता के साथ ध्यान देना,

8. नवोन्मेष और नई व उभरती प्रौद्योगिकियों के आतंकवाद के लिए दुरुउपयोग को रोकना और इससे निपटने की आवश्यकता को स्वीकार करना, और आर्थिक विकास, संचार, भागीदारी व सूचना तक पहुंच को आसान बनाने के लिए वैश्विक संपर्क और सूचना के मुक्त तथा सुरक्षित प्रवाह को संरक्षित करने की आवश्यकता पर बल देना,

9. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी सदस्य देशों से मानवाधिकार कानून, अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून एवं अंतरराष्ट्रीय शरणार्थी कानून सहित अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अंतर्गत तय किए गए अपने दायित्वों के अनुरूप आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता सुनिश्चित करने का आग्रह और सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों 1373 (2001), 1624 (2005), 2178 (2014), और 2396 (2017), 2617 (2021) और आतंकवाद से संबंधित अन्य प्रासंगिक अंतर्राष्ट्रीय तरीकों के पूर्ण तथा प्रभावी कार्यान्वयन के ज़रिए आतंकवाद के सभी प्रारूपों और अभिव्यक्तियों को रोकने और उसका मुकाबला करने हेतु तत्काल कार्रवाई करना,

10. उनकी आतंकवाद रोधी रणनीतियों और गतिविधियों में उनकी प्रकृति को एक क्रॉस-कटिंग मुद्दे के रूप में एकीकृत करने में सदस्य राष्ट्रों के महत्व को ध्यान में रखना,

11. सदस्य देशों से प्रासंगिक अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद रोधी सम्मेलनों और प्रोटोकॉल में निहित अपने दायित्वों को पूरा करने का आह्वान, और सदस्य देशों के अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन की दिशा में निरंतर प्रयासों को मान्यता देता है,

12. सदस्य देश आतंकवादी कृत्यों के वित्तपोषण को रोकने और दबाने के लिए बाध्य हैं और ऐसे कृत्यों में शामिल संस्थाओं या व्यक्तियों को सहायता प्रदान करने से परहेज करने के लिए बाध्य हैं, को रेखांकित करता है, जिसमें आतंकवादी समूहों के सदस्यों की भर्ती को रोकना, अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के अनुरूप, और आतंकवादियों को हथियारों की आपूर्ति को समाप्त करना शामिल है,

13. यह रेखांकित करता है कि सुरक्षित पनाहगाहों तक पहुंचने के लिए आतंकवादियों का अवसर एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय बना हुआ है और यह भी कि सभी सदस्य देशों को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पूरा सहयोग करना चाहिए ताकि सुरक्षित पनाहगाहों की पहचान की जा सके, आतंकवादियों की उन तक पहुंच से बाध्य किया जा सके और ऐसा कोई भी व्यक्ति जो सुरक्षित पनाहगाह प्रदान करने समेत आतंकवादी कृत्यों के वित्तपोषण, योजना, तैयारी या कमीशन में भाग लेता है या समर्थन करता है, सुविधा देता है, भाग लेता है या भाग लेने का प्रयास करता है, उसके खिलाफ घरेलू एवं अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के अनुसार न्याय किया जा सके,

14. इस बात की पुष्टि करता है कि सदस्य देशों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आतंकवाद का मुकाबला करने हेतु किए गए कोई भी उपाय, जिसमें आतंकवाद के लिए नई व उभरती प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल शामिल है, संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के अनुरुप हो और अंतर्राष्ट्रीय कानून के अंतर्गत अपने दायित्वों का पालन करते हो, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कानून, अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून और अंतरराष्ट्रीय शरणार्थी कानून, जो भी लागू हो, शामिल हैं,

15. सदस्य देशों के लिए आतंकवादी कृत्यों को करने हेतु भर्ती व उकसाने के साथ-साथ ऐसी गतिविधियों के वित्तपोषण, योजना और तैयारी सहित आतंकवाद के लिए नई सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकियों, और अन्य उभरती प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल को रोकने और उनका मुकाबला करने की आवश्यकता पर, तथा इस प्रयास में नागरिक समाज एवं निजी क्षेत्र के साथ सहयोग के महत्व पर बल देता है,

16. जी20 सहित अन्य संबंधित अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर आतंकवाद के लिए उपयोग की जा रही उभरती प्रौद्योगिकियों द्वारा उत्पन्न चुनौतियों पर चर्चा के महत्व को समझता है, और आतंकवादी व हिंसक चरमपंथ की ऑनलाइन सामग्री को खत्म करने हेतु क्राइस्टचर्च कॉल टू एक्शन को भी ध्यान में रखता है,

17. इसके अलावा सदस्य देशओं को निजी क्षेत्र और नागरिक समाज के साथ स्वैच्छिक सहयोग जारी रखने, आतंकवाद के लिए इंटरनेट सहित नई एवं उभरती प्रौद्योगिकियों के उपयोग का मुकाबला करने के लिए और अधिक प्रभावी साधन तैयार तथा लागू करने की आवश्यकता पर बल देता है,

18. दाएश, अल-कायदा के नाम से जाने जाने वाले आईएसआईएल, उनके सहयोगियों और संबद्ध व्यक्तियों, समूहों व संस्थाओं द्वारा आतंकवादी कृत्यों को करने के लिए दूसरों को उकसाने और भर्ती करने हेतु टेररिस्ट नैरेटिव्स का उपयोग करने के तरीकों का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने की आवश्यकता पर बल देता है,

19. आतंकवाद विरोधी समिति के कॉम्प्रिहेंसिव इंटरनेशनल फ्रेमवर्क टू काउंटर टेररिस्ट नैरेटिव्स (S/2017/375) और सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2354 (2017) का स्मरण करता है, जो समिति से टेररिस्ट नैरेटिव्स का मुकाबला करने के मौजूदा तरीकों की पहचान करने का अनुरोध करता है; अंतर्राष्ट्रीय कानून का सम्मान करते हुए, सदस्य देशों को आतंकवाद रोधी आख्यानों और नवीन तकनीकी समाधान विकसित करने की आवश्यकता पर बल देते है,

20. आतंकवाद को बढ़ावा देने में मानवाधिकारों एवं मौलिक स्वतंत्रताओं का सम्मान करते हुए आतंकवादियों की इंटरनेट का उपयोग करने की क्षमता को बाधित करने हेतु छोटी टेक्नोलॉजी कंपनियों, नागरिक समाज, शिक्षाविदों तथा सरकार सहित टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों के साथ सहयोग को बढ़ावा देने हेतु संयुक्त राष्ट्र-संबद्ध आतंकवाद रोधी टेक पहल के प्रयासों को मान्यता देता है; इंडस्ट्री की अग्रणी ग्लोबल इंटरनेट फोरम टू काउंटर टेररिज्म (जीआईएफसीटी) पहलों को ध्यान में रखता है; और वैश्विक स्तर पर सरकारों एवं टेक्नोलॉजी कंपनियों के साथ जुड़ाव बढ़ाने के लिए जीआईएफसीटी के लिए अपने आह्वान को दोहराते है,

21. यह दोहराते हैं कि सदस्य देशों को विशिष्ट उत्पादों एवं भुगतान विधियों से जुड़े जोखिमों पर विचार करना चाहिए और उनका आकलन करना चाहिए, जिसमें संग्रहीत वैल्यू व प्रीपेड कार्ड, वर्चुअल एसेट्स और नए वित्तीय साधन तथा क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म शामिल हैं, लेकिन यह इन्हीं तक सीमित नहीं है, और प्रासंगिक सेवाओं के प्रदाताओं के लिए जोखिम-आधारित धन-शोधन-रोधी (एएमएल) एवं आतंकवाद-रोधी वित्तपोषण (सीएफटी) विनियमों, निगरानी और पर्यवेक्षण को लागू करना, और इस संबंध में वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) के महत्वपूर्ण कार्य और आवश्यक भूमिका को चिन्हित करते हैं,

22. सदस्य देशों से अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून एवं मानवीय कानून सहित अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप अन्य बातों के साथ-साथ, वैध उपयोगकर्ताओं के लिए जिम्मेदार वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने तथा एएमएल/सीएफटी उपायों के प्रभावी कार्यान्वयन में योगदान करने हेतु नई एवं उभरती वित्तीय और नियामक प्रौद्योगिकियों के उपयोग का पूरी तरह से दोहन करने के ज़रिए वित्तीय लेनदेन की ट्रेसबिलिटी व पारदर्शिता बढ़ाने के अपने आह्वान को दोहराते हैं,

23. वर्चुअल एसेट्स एवं आभासी संपत्ति सेवा प्रदाताओं (वीएएसपी) से संबंधित एफएटीएफ के जारी कार्यों साथ ही एएमएल/सीएफटी प्रयासों को बेहतर बनाने में टेक्नोलॉजी जो अवसर प्रदान कर सकती है, को चिन्हित करते हैं, और एफएटीएफ से आतंकवाद रोधी वित्तपोषण उपायों के वैश्विक कार्यान्वयन में सुधार करने के तरीके की पहचान करने हेतु काम करने का आह्वान करते हैं,

24. सदस्य देशों से आतंकवाद के वित्तपोषण से संबंधित जटिल मामलों को जल्दी से संभालने में लगे अधिकारियों की विशेषज्ञता और क्षमता को और बढ़ाने का आह्वान करते हैं, जिसमें वित्तीय साधनों और आतंकवाद-वित्तपोषण विधियों में तेजी से विकास के साथ तालमेल रखने के लिए उन्नत जांच तकनीकों और जटिल अंतर्राष्ट्रीय सहयोग तंत्र शामिल हैं,

25. आतंकवाद के वित्तपोषण के ट्रेड्स, स्रोतों तथा तरीकों के संबंध में, वित्तीय संस्थानों, वित्तीय प्रौद्योगिकी उद्योग एवं इंटरनेट व सोशल मीडिया कंपनियों सहित निजी क्षेत्र के साथ प्रभावी भागीदारी करने के लिए सक्षम राष्ट्रीय अधिकारियों, विशेषतः वित्तीय खुफिया इकाइयों और खुफिया सेवाओं को प्रोत्साहित करते हैं,

26. आईएसआईएल/दाएश, अल-कायदा, उनके सहयोगियों व संबद्ध व्यक्तियों, समूहों, उपक्रमों तथा संस्थाओं और अन्य आतंकवादी समूह, और अवैध सशस्त्र समूह व अपराधियों के बीच हथियारों, सैन्य उपकरणों, यूएएस व उनके घटकों, और तात्कालिक विस्फोटक उपकरण (आईईडी) घटक के लगातार पहुंचने की कड़ी निंदा करते हैं, और साथ ही सदस्य देशों को आईएसआईएल/दाएश, अल-कायदा, उनके सहयोगियों एवं संबद्ध व्यक्तियों, समूहों, उपक्रमों, और संस्थाओं, और अन्य आतंकवादी समूहों को ऐसे हथियारों, प्रणालियों, यूएएस व घटकों के क्रय नेटवर्क को रोकने और बाधित करने हेतु प्रोत्साहित करते हैं,

27. अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार, आतंकवाद के लिए यूएएस के उपयोग से उत्पन्न खतरे को दूर करने हेतु सदस्य देशों से किए गए अपने आह्वान को दोहराते हैं, साथ ही नवोन्मेष को बढ़ावा देने तथा जैसे-जैसे इसका इस्तेमाल बढ़ता है, आतंकवाद के लिए यूएएस के उपयोग को रोकने हेतु संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता को स्वीकार करते हैं, और ऐसे अंतरराष्ट्रीय प्रयासों की सराहना करते हैं जो प्रौद्योगिकी के अधिक सुलभ होने और व्यापक रूप से सार्वजनिक व निजी क्षेत्रों में उपयोग किए जाने के दौरान, उक्त उपयोग के संदर्भ में जागरूकता और तत्परता को बढ़ाते हैं, जिसमें "आतंकवादी हमलों से महत्वपूर्ण अवसंरचना का संरक्षण: अच्छी प्रथाओं का संग्रह" नामक प्रकाशन शामिल है, जिसे संयुक्त रुप से आतंकवाद रोधी समिति के कार्यकारी निदेशालय (सीटीईडी), संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद रोधी कार्यालय (यूएनओसीटी), और अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन (इंटरपोल); और ग्लोबल काउंटर टेररिज्म फोरम (जीसीटीएफ) द्वारा मानव रहित हवाई प्रणालियों के आतंकवादी उपयोग का मुकाबला करने हेतु अच्छे व्यवहार पर बर्लिन ज्ञापन द्वारा प्रकाशित किया गया है,

28. आगे सदस्य देशों से यूएएस व उनके घटकों को हासिल करने पर यूएएस और विशिष्ट आतंकवादी समूहों की प्रणालियों के आतंकवादी उपयोग और ऐसी अन्य प्रणालियों के संभावित लिंक से उत्पन्न जोखिमों की व्यापक समझ विकसित करने; आतंकवादियों द्वारा यूएएस हासिल करने व इसके उपयोग को रोकने, पता लगाने व बाधित करने के लिए के उपाय विकसित करने; निजी क्षेत्र एवं निर्माताओं के साथ साझेदारी करने; तथा सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं कि कानून प्रवर्तन और सीमा-प्रबंधन उद्देश्यों हेतु यूएएस का इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार किया जाए, जिसमें अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून, अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून और अंतरराष्ट्रीय शरणार्थी कानून, जैसा लागू हो, शामिल हैं,

29. यूनाइटेड नेशन्स ग्लोबल काउंटर-टेररिज्म कोऑर्डिनेशन कॉम्पेक्ट वर्किंग ग्रुप ऑन बॉर्डर मैनेजमेंट एवं काउंटर-टेररिज्म से संबंधित कानून प्रवर्तन, और विशेषतः आतंकवादियों को यूएएस व उनके घटकों को हासिल करने से रोकने पर इसके सबमॉड्यूल के ढांचे के अंतर्गत सीटीईडी, संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद विरोधी केंद्र (यूएनसीसीटी), और संयुक्त राष्ट्र निरस्त्रीकरण अनुसंधान संस्थान (यूएनआईडीआईआर) द्वारा प्रकाशित "आतंकवादियों को हथियार हासिल करने से रोकने के लिए सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2370 (2017) के कार्यान्वयन की सुविधा हेतु तकनीकी दिशानिर्देश एवं संबंधित अंतरराष्ट्रीय मानक और अच्छी प्रथाएं” का विशेष उल्लेख करते हैं,

30. विशेष बैठक के समापन के पश्चात् आतंकवाद रोधी समिति की विशेष बैठक के तीन विषयों, अर्थात् "आईसीटी एवं उभरती प्रौद्योगिकियों के आतंकवादी द्वारा इस्तेमाल का मुकाबला", "नई भुगतान प्रौद्योगिकियों और धन उगाहने के तरीकों से संबंधित खतरे तथा अवसर" और "मानव रहित हवाई प्रणालियों (यूएएस) के आतंकवादियों द्वारा के दुरुपयोग से उत्पन्न खतरे" पर सिफारिशों पर काम करने का निर्णय,

31. मानव अधिकारों तथा मौलिक स्वतंत्रता का सम्मान करते हुए, आतंकवाद के लिए नई एवं उभरती प्रौद्योगिकियों के उपयोग का मुकाबला करने से संबंधित सभी प्रासंगिक सुरक्षा परिषद प्रस्तावों के पूर्ण कार्यान्वयन हेतु सीटीईडी के समर्थन से सदस्य देशों की सहायता करना जारी रखने का संकल्प,

32. उपरोक्त को ध्यान में रखते हुए, सीटीईडी की मदद से, आतंकवाद के लिए नई एवं उभरती प्रौद्योगिकियों के उपयोग से उत्पन्न खतरे का मुकाबला करने में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के अनुरूप, ऐसे खतरे का मुकाबला करने हेतु प्रौद्योगिकियों द्वारा पेश किए गए अवसरों पर अच्छी प्रथाओं का इस्तेमाल करके सदस्य देशों की सहायता के लिए गैर-बाध्यकारी मार्गदर्शक सिद्धांत विकसित करना,

33. सीटीईडी को महिलाओं तथा महिलाओं के संगठनों, प्रासंगिक निजी क्षेत्र की संस्थाओं, और अन्य हितधारकों सहित नागरिक समाज के साथ प्रवृत्तियों, उभरते मुद्दों और विकास की पहचान में, के समर्थन से सीटीईडी ग्लोबल रिसर्च नेटवर्क (जीआरएन) के सदस्य, आतंकवाद के लिए नई और उभरती प्रौद्योगिकियों के उपयोग से उत्पन्न खतरे से संबंधित क्षेत्रों पर भी अपने जुड़ाव और सहयोग को मजबूत करने हेतु प्रोत्साहित करते हैं,

34. इसके अलावा सीटीईडी को सूचना का समय पर आदान-प्रदान सुनिश्चित करने हेतु रणनीतिक तथा स्वैच्छिक सार्वजनिक-निजी भागीदारी बनाने पर विचार करने, खतरे का विश्लेषण करने का समर्थन करने, अच्छी प्रथाओं का इस्तेमाल करने, और आतंकवाद के लिए नई और उभरती प्रौद्योगिकियों के उपयोग से उत्पन्न खतरे का मुकाबला करने में परिचालन समर्थन का विकास, साथ ही जीआरएन की विशेषज्ञता का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करते है,

35. आतंकवादी खतरे का मुकाबला करने के लिए नई एवं उभरती प्रौद्योगिकियों से मिले अवसरों को ध्यान में रखते हुए, यूएनओसीटी, प्रासंगिक संयुक्त राष्ट्र वैश्विक आतंकवाद-रोधी समन्वय वाली संस्थाओं, और अन्य अंतरराष्ट्रीय विशिष्ट एजेंसियों के साथ घनिष्ठ सहयोग के ज़रिए अनुरोध करने पर सदस्य देशों को तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए सीटीईडी के प्रयासों का स्वागत करते हैं और सीटीईडी से अनुरोध करते है कि वह आतंकवाद के लिए नई एवं उभरती प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल का मुकाबला करने में सदस्य देशों की क्षमताओं में मौजूदा खामियों पर समिति के विचार के समक्ष रखने के लिए एक विश्लेषण तैयार करे।

नई दिल्ली
अक्टूबर 29, 2022

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