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10वीं आईबीएसए त्रिपक्षीय मंत्री-स्तरीय आयोग की बैठक के बाद जारी की गई संयुक्त विज्ञप्ति

सितम्बर 22, 2022

भारत गणराज्य के विदेश मंत्री, डॉ. एस. जयशंकर, संघीय गणराज्य ब्राज़ील के विदेश मंत्री, महामहिम राजदूत कार्लोस अल्बर्टो फ्रेंको फ्रांका, और दक्षिण अफ़्रीका गणराज्य के स्वास्थ्य मंत्री, महामहिम डॉ. जो फाहला (इसके बाद इसमें "मंत्रियों" के रूप में संदर्भित) ने 10वें आईबीएसए त्रिपक्षीय मंत्री-स्तरीय आयोग हेतु 21 सितंबर 2022 को मुलाक़ात की।

2. मंत्रियों ने, सहभागी लोकतंत्र, मानवाधिकारों के सम्मान, संप्रभु समानता के सम्मान, क्षेत्रीय अखंडता, शांति, आपसी सम्मान, स्वतंत्रता और क़ानून के शासन सहित, आईबीएसए वार्ता मंच के सिद्धांतों, मानदंडों और मूल्यों के महत्व को रेखांकित किया। मंत्रियों ने तीन महाद्वीपों के तीन बड़े बहुलवादी, बहु-सांस्कृतिक और बहु-नस्लीय समाजों को एक साथ लाते हुए, वैश्विक दक्षिण के एक समूह के रूप में अपनी ताकत और विशिष्ट पहचान का लाभ उठाने के लिए आईबीएसए की आवश्यकता को दोहराया।

3. मंत्रियों ने बहुपक्षीय और बहुलवादी निकायों सहित वैश्विक मंच पर वैश्विक दक्षिण के हितों की रक्षा करने और उन्हें आगे बढ़ाने में आईबीएसए के रणनीतिक महत्व की पुष्टि की। उन्होंने बहुपक्षवाद के महत्व और वैश्विक शासन संरचनाओं में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया ताकि उन्हें अधिक समावेशी, लोकतांत्रिक, प्रतिनिधित्व पर आधारित, पारदर्शी, प्रभावी, उद्देश्यपूर्ण और विश्वसनीय तथा समकालीन वास्तविकताओं, विशेष रूप से वैश्विक दक्षिण की जरूरतों के प्रति उत्तरदायी बनाया जा सके।

4. मंत्रियों ने वैश्विक स्तर पर और विशेष रूप से वैश्विक दक्षिण के देशों में COVID-19 महामारी के निरंतर सार्वजनिक स्वास्थ्य, सामाजिक और आर्थिक प्रभाव पर अपनी गंभीर चिंता व्यक्त की। मंत्रियों ने मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की और प्रभावित परिवारों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त की। मंत्रियों ने महामारी और इसके प्रभावों का प्रभावी ढंग से मुक़ाबला करने और त्वरित, समावेशी, टिकाऊ और लचीले रूप से सामान्य स्थिति में वापस आने के लिए देशों के बीच द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग के महत्व पर ज़ोर दिया। उन्होंने राजनीतिक और जनप्रिय समर्थन के साथ-साथ आवश्यक वित्तीय और तकनीकी संसाधनों को जुटाने सहित, COVID-19 महामारी और अन्य वर्तमान व भविष्य की स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों से लड़ने के लिए बेहतर अंतरराष्ट्रीय तैयारियों का आह्वान किया।

5. मंत्रियों ने सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज प्राप्त करने की आवश्यकता पर और COVID-19 महामारी का मुक़ाबला करने के लिए सुरक्षित, प्रभावी तथा गुणवत्तापूर्ण निदान, चिकित्सा विज्ञान, दवाओं व टीकों, और आवश्यक स्वास्थ्य प्रौद्योगिकियों, और उनके घटकों के साथ-साथ उपकरणों के लिए समय पर, सस्ती और न्यायसंगत पहुंच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पहल को बढ़ावा देने पर बल दिया। मंत्रियों ने इस संबंध में विश्व व्यापार संगठन मंत्री-स्तरीय सम्मेलन 12 में लिए गए निर्णय को स्वीकार किया। ट्रिप्स छूट पर हुई सहमति, टीकों और फ़ार्मास्युटिकल उत्पादों के उत्पादन और वितरण को बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण अधिग्रहण के लिए अनुकूल वातावरण से समर्थन मिलना चाहिए। इसके अलावा, हमारे सामूहिक प्रयास द्वारा सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि चिकित्सा संबंधी और निदान के लिए ट्रिप्स पेटेंट छूट के विस्तार पर ट्रिप्स परिषद् के माध्यम से उपयोगी परामर्श हों। इसके अलावा, उत्पादन की जटिल प्रकृति और वीटीडी के सीमित शेल्फ जीवन को देखते हुए, इन उत्पादों तक त्वरित पहुंच बनाने के लिए अनुसंधान एवं विकास और विनिर्माण के सहयोगी मॉडल पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। इसलिए, कार्रवाई का एक सकारात्मक तरीका यह होगा कि व्यापक वैश्विक आबादी के लिए अनुसंधान और नवाचार के परिणाम को सुलभ बनाने के लिए देशों के बीच मजबूत और टिकाऊ साझेदारी का निर्माण किया जाए।

6. महामारी को समाप्त करने हेतु प्रसार की रोकथाम करने, नियंत्रित करने और रोकने में स्वास्थ्य के लिए वैश्विक सार्वजनिक भलाई के रूप में COVID-19 के विरुद्ध व्यापक टीकाकरण की भूमिका को स्वीकार करते हुए, मंत्रियों ने COVID-19 वैक्सीन के विकास और वितरण में हुई महत्वपूर्ण प्रगति की सराहना की और विभिन्न हितधारकों के बीच और अधिक सहयोग का आह्वान किया ताकि उन सभी लोगों को, सस्ती कीमत पर, टीकों के विविध पोर्टफोलियो की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके, जिन्हें इसकी आवश्यकता है।

7. मंत्रियों ने अफ़्रीका और ब्रिक्स देशों सहित विकासशील देशों के निर्माताओं से टीके और बूस्टर्स खरीदने के लिए सभी देशों, अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों और परोपकारी संगठनों का आह्वान किया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि विकसित की जा रही विनिर्माण क्षमताएं सतत रूप से बनी रहें। महामारी की संभाव्यता वाले रोगजनकों के कारण उष्णकटिबंधीय रोगों से संबंधित महामारी सहित, इसके उभरते हुए रूपों और भविष्य की किसी भी स्वास्थ्य आपात स्थिति के लिए लचीली स्वास्थ्य प्रणाली बनाना और उसकी तैयारियां करना महत्वपूर्ण है। इस संदर्भ में, गुणवत्ता और किफ़ायती चिकित्सा प्रति-उपायों को अपनाने के लिए निदान और चिकित्सा विज्ञान तक पहुंच और मानव तथा पशुओं के स्वास्थ्य सहित समग्र निगरानी क्षमताओं का विकास करना आवश्यक है।

वैश्विक मामले

बहुपक्षीय संगठनों में सहयोग

8. मंत्रियों ने अंतरराष्ट्रीय एजेंडा के प्रमुख मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र, विश्व व्यापार संगठन, डब्ल्यूआईपीओ और जी20 सहित विभिन्न बहुपक्षीय मंचों पर आईबीएसए देशों के बीच समन्वय और सहयोग पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों और समूहों में अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर आईबीएसए सहयोग को और गहरा करने के अपने इरादे को दोहराया।

दक्षिण-दक्षिण सहयोग


9. 4 जून 2018 को प्रिटोरिया, दक्षिण अफ़्रीका में किए गए दक्षिण-दक्षिण सहयोग पर आईबीएसए घोषणा को याद करते हुए, मंत्रियों ने दक्षिण-दक्षिण सहयोग को वैश्विक दक्षिण के लोगों और देशों के एक साझा प्रयास को, जो राष्ट्रीय संप्रभुता के सम्मान के सिद्धांतों द्वारा निर्देशित है; राष्ट्रीय स्वामित्व और स्वतंत्रता; समानता; गैर-सशर्तता; घरेलू मामलों में गैर-हस्तक्षेप; और एकजुटता व साझेदारी की भावना से क्षमता निर्माण और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के माध्यम से पारस्परिक लाभ के रूप में रेखांकित किया। वही सिद्धांत, विकास प्राप्त करने के लिए वैश्विक दक्षिण में अन्य अनुभवों में योगदान करने और सीखने का एक मार्ग हैं।

10. 2011 के तशवणे घोषणापत्र को याद करते हुए जो लोगों को वैश्विक शासन पर चर्चा के केंद्र में लाया और लोगों की भलाई के लिए सामाजिक नीतियों को अंतरराष्ट्रीय वित्तीय स्थापत्य के पुनर्गठन के लिए और अंतरराष्ट्रीय संगठनों में सुधार के लिए प्रेरक तंत्र के रूप में माना, जिससे दक्षिण-दक्षिण सहयोग को मजबूत किया जा सके, मंत्रियों ने बहुपक्षीय मंचों पर वैश्विक शासन संस्थानों में सुधार के लिए आईबीएसए के पक्ष समर्थन को आगे बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की।

11. मंत्रियों ने आईबीएसए ट्रस्ट फंड की, अपनी स्थापना के बाद से, व्यापक रूप से मिली मान्य सफलता को सकारात्मकता के साथ नोट किया, जिसने, 34 भागीदार देशों में, जिनमें से अधिकांश कम विकसित देश (एलडीसी) हैं, 39 दक्षिण-दक्षिण सहयोग विकास परियोजनाओं में सहयोग देते हुए, यूएस $ 44 मिलियन से अधिक आवंटित किए हैं। जैसे कि दुनिया COVID-19 महामारी और इसके विनाशकारी सामाजिक-आर्थिक प्रभाव से जूझ रही है, आईबीएसए फंड के माध्यम से सहयोग की गई परियोजनाओं ने भागीदार देशों की अनुक्रिया और सामान्य स्थिति में वापस आने में मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जैसे-जैसे जलवायु परिवर्तन में निरंतर तेजी आ रही है, गरीबी और असहायता के विरुद्ध लड़ाई में हमें और पीछे छोड़ते हुए, और जिस प्रकार से वैश्विक दक्षिण में आजीविका में तेज गिरावट दर्ज की जा रही है, हम अनुकरणीय और मापनीय परियोजनाओं की पहचान करना जारी रखेंगे जिन्हें गरीबी और भूख के विरुद्ध लड़ाई में सर्वोत्तम प्रथाओं के उदाहरण के रूप में इच्छुक विकासशील देशों में फैलाया जा सके।

12. मंत्रियों ने दक्षिण-दक्षिण सहयोग को बढ़ावा देने में आईबीएसए देशों की संबंधित विकास एजेंसियों द्वारा निभाई जा रही सकारात्मक भूमिका को स्वीकार किया, और इस संबंध में, 16 अप्रैल 2021 को आयोजित आईबीएसए शेरपाओं की बैठक में इस तरह के सहयोग के लिए बनी सहमति का स्वागत किया और अंतरराष्ट्रीय /त्रिपक्षीय विकास भागीदारी पर आईबीएसए सदस्य देशों की विकास सहयोग एजेंसियों की 29 सितंबर 2021 को हुई उद्घाटन बैठक के आयोजन की सराहना की।

संयुक्त राष्ट्र और सुरक्षा परिषद् सुधार

13. 26 सितंबर 2019 को बहुपक्षीय प्रणाली के सुधार पर न्यूयॉर्क में दिए गए आईबीएसए के संयुक्त वक्तव्य और 16 सितंबर 2020 के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के सुधार पर आईबीएसए के संयुक्त मंत्री-स्तरीय वक्तव्य को याद करते हुए, मंत्रियों ने अंतरराष्ट्रीय कानून के बुनियादी सिद्धांतों जैसे समान संप्रभुता और अन्य देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने, अंतरराष्ट्रीय संबंधों में अधिक लोकतंत्र और कानून के शासन को बढ़ावा देने, पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग और मानव-केंद्रित वैश्वीकरण के माध्यम से एक समावेशी, उत्तरदायी और सहभागी अंतरराष्ट्रीय शासन स्थापत्य का निर्माण करने की परिपुष्टि करते हुए संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों के साथ-साथ एक नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की सुरक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

14. मंत्रियों ने इस बात पर बल दिया कि यद्यपि संयुक्त राष्ट्र प्रणाली में व्यापक सुधार एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय कार्य बना हुआ है, तथापि सुरक्षा परिषद्, जोकि अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बनाए रखने का एक अनिवार्य प्रमुख अंग है, के सुधार को आगे बढ़ाना अत्यावश्यक और सर्वोच्च प्राथमिकता बनी रहनी चाहिए, विशेष रूप से इस अंग का सुधार करना दुर्ग्राह्य बना हुआ है। मंत्रियों ने, प्रतिनिधित्व पर आधारित, समावेशी, न्यायसंगत, उत्तरदायी और प्रभावी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् बनाने की, जो समकालीन वैश्विक वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करती हो, स्थायी और गैर-स्थायी दोनों श्रेणियों में एशिया, लैटिन अमेरिका और अफ़्रीकाकी उभरती हुई और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के प्रतिनिधित्व को शामिल करने हेतु सुरक्षा परिषद् की सदस्यता के विस्तार के लिए काम करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।

15. मंत्रियों ने क्रमशः 2021-2022 और 2022-23 के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के सदस्यों के रूप में भारत और ब्राज़ील की भूमिका की सराहना की। अंतर-सरकारी वार्ता प्रक्रिया में सुरक्षा परिषद् सुधारों पर प्रगति की धीमी गति पर निराशा व्यक्त करते हुए, जिसके काम करने के तरीके में पारदर्शिता का अभाव है, उन्होंने आग्रहपूर्वक कहा कि एक परिणामोन्मुखी प्रक्रिया की ओर बढ़ने का समय आ गया है, जिसमें औपचारिक सेटिंग में, एकल सर्वसमावेशी विषयवस्तु के आधार पर वास्तविक बातचीत का प्रावधान हो। वे सहमत थे कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् की वर्तमान संरचना अब समकालीन दुनिया की वास्तविकताओं को नहीं दर्शाती है और यूएनएससी में सुधार महत्वपूर्ण है। उन्होंने यूएनजीए के संकल्प 75/1 की फिर से पुष्टि की और यूएनएससी के सुधार पर चर्चा को जीवंत करने करने के लिए ठोस कदम उठाने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने इस विचार को साझा किया कि, इसे और अधिक प्रतिनिधित्व पर आधारित, प्रभावी और कुशल बनाने के लिए, सदस्यता की दोनों श्रेणियों में विकासशील देशों के प्रतिनिधित्व को बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता है। उन्होंने यूएनएससी में स्थायी उपस्थिति के लिए अफ्रीकी देशों की वैध आकांक्षा का समर्थन किया और सुरक्षा परिषद् में स्थायी सीट प्राप्त करने के लिए ब्राज़ील और भारत के प्रयासों का समर्थन किया।

16. मंत्रियों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् सुधार पर अंतर-सरकारी वार्ता की धीमी गति पर चिंता व्यक्त की, जिसके कारण संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) ने ठोस प्रगति नहीं की है। उन्होंने सुरक्षा परिषद् में शीघ्र व्यापक सुधार की दृष्टि से 77वें यूएनजीए के दौरान टेक्स्ट-आधारित वार्ताओं की शुरुआत के माध्यम से इस मुद्दे पर एक निश्चित समय सीमा के भीतर ठोस परिणाम प्राप्त करने के प्रयासों को दोगुना करने का आग्रह किया।

2030 एजेंडा और सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी)

17. मंत्रियों ने सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा के पूर्ण कार्यान्वयन के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कार्यान्वयन के साधनों को मजबूत करने और सतत विकास के लिए वैश्विक भागीदारी को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने विकसित देशों से अपनी आधिकारिक विकास सहायता (ओडीए) प्रतिबद्धताओं का पूरी तरह से सम्मान करने तथा नए और अतिरिक्त वित्तपोषण व एसडीजी’ज़ के कार्यान्वयन के साधन प्रदान करने का आग्रह किया। मंत्रियों ने इस बात पर ज़ोर दिया कि विशेष रूप से इस दशक की कार्रवाई में निरंतर, पूर्वानुमेय और संवर्धित वित्तपोषण आवश्यक है। मंत्रियों ने एसडीजी हासिल करने के लिए विकासशील देशों हेतु डिजिटल समाधान सहित तकनीकी समाधान उपलब्ध कराने की आवश्यकता पर भी बल दिया। मंत्रियों ने अधिक संतुलित और समावेशी आर्थिक वैश्वीकरण के लिए अपना समर्थन दोहराया, संरक्षणवाद को खारिज कर दिया, तथा वैश्विक व्यापार, निवेश और उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को नवीनीकृत किया, जो एक समान, समावेशी, नवोन्मेषी, स्फूर्तिदायक और परस्पर जुड़ी विश्व अर्थव्यवस्था के लिए अनुकूल है।

18. मंत्रियों ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि अत्यधिक गरीबी को दूर करना, असमानताओं को कम करना और अंतरराष्ट्रीय और दक्षिण-दक्षिण सहयोग सहित सभी के लिए सतत विकास को बढ़ावा देना, जिसका उद्देश्य कार्यान्वयन के आवश्यक साधन प्रदान करने में सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना है, जैसे कि वित्त, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और उस उद्देश्य के लिए राष्ट्रीय प्रयासों का समर्थन करने के लिए क्षमता निर्माण। मंत्रियों ने सतत विकास लक्ष्यों के पूर्ण कार्यान्वयन के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि अत्यधिक गरीबी सहित इसके सभी रूपों और आयामों में, गरीबी उन्मूलन को राष्ट्रीय प्रयासों और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के साथ जोड़ा जाना चाहिए क्योंकि यह सबसे बड़ी वैश्विक चुनौती है और सतत विकास के लिए एक अपरिहार्य आवश्यकता को निरूपित करती है।

जलवायु परिवर्तन

19. मंत्रियों ने जलवायु परिवर्तन पर यूनाइटेड नेशन्स फ़्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी), इसके क्योटो प्रोटोकॉल और पेरिस समझौते के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने सभी देशों से यूएनएफसीसीसी के सिद्धांतों के आधार पर पेरिस समझौते के कार्यान्वयन के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया, जिसमें "समानता" और "सामान्य लेकिन अलग-अलग जिम्मेदारियों और संबंधित क्षमताओं" के सिद्धांत शामिल हैं।

20. मंत्रियों ने विकसित देशों से आग्रह किया कि वे यूएनएफसीसीसी, इसके क्योटो प्रोटोकॉल और पेरिस समझौते के अंतर्गत अपने दायित्वों के अनुरूप जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए विकासशील देशों को सतत, पूर्वानुमेय और पर्याप्त वित्तपोषण, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और क्षमता निर्माण सहायता प्रदान करें। मंत्रियों ने इस बात पर ज़ोर दिया कि यूएनएफसीसीसी, इसके क्योटो प्रोटोकॉल और इसके पेरिस समझौते के अंतर्गत विकसित देशों के दायित्वों का प्रभावी कार्यान्वयन पक्षों के बीच विश्वास निर्माण करने और पेरिस समझौते के सफल कार्यान्वयन हेतु स्थितियां बनाने के लिए अनिवार्य होगा।

21. मंत्रियों ने एक ऐसे महत्वाकांक्षी, संतुलित और यथार्थवादी वैश्विक जैव विविधता ढांचे को अपनाने के महत्व पर भी ज़ोर दिया जो एक एकीकृत तरीके से जैव विविधता पर कन्वेंशन के तीन उद्देश्यों को बढ़ावा देता हो और जैव विविधता के लिए नए और अतिरिक्त संसाधनों का लाभ उठाने हेतु एक वैश्विक जैव विविधता कोष की स्थापना की तलाश करके विकासशील देशों का समर्थन करने के लिए कार्यान्वयन के पूर्वानुमेय और उपयुक्त साधन प्रदान करता हो।

22. मंत्रियों ने माना कि ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के चरम पर पहुंचने में विकासशील देशों को अधिक समय लगेगा; इसके बाद समानता के आधार पर और सतत विकास और गरीबी उन्मूलन के प्रयासों के संदर्भ में उत्सर्जन में तेजी से कमी लाने की आवश्यकता है। मंत्रियों ने माना कि ऐतिहासिक प्रदूषकों को अपने उत्सर्जन को कम करने के लिए और अधिक उपाय करने की आवश्यकता है, यह भी आवश्यक है कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए विकासशील देशों को समयबद्ध तरीके से तकनीकी और वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराए जाएं। मंत्रियों ने इस बात पर खेद व्यक्त किया कि विकसित देशों द्वारा प्रति वर्ष 100 बिलियन अमरीकी डॉलर का वादा 2020 तक पूरा नहीं किया गया है और सीओपी 27 द्वारा इसे पूरा करने का आह्वान किया गया है। मंत्रियों ने मिस्र में 5 से 17 दिसंबर 2022 तक होने वाले संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन COP27 और जैव विविधता सम्मेलन COP15 के लिए 2022 संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में निकट सहयोग करने पर सहमति व्यक्त की।

अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद

23. मंत्रियों ने दुनिया भर में जारी आतंकवादी हमलों की निंदा की। उन्होंने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की निंदा की, चाहे वह किसी के भी द्वारा कहीं भी किया गया हो। उन्‍होंने इस बात पर सहमति व्‍यक्‍त की कि आतंकवाद एक वैश्‍विक अभिशाप है जिसका मुक़ाबला किया जाना चाहिए और विश्‍व के प्रत्‍येक हिस्‍से से आतंकवाद के सुरक्षित आश्रय स्थलों का सफ़ाया किया जाना चाहिए। उन्होंने अपनी एकजुटता की पुष्टि की और आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में कृतसंकल्प हुए। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों के अनुसार व्यापक अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी ढांचे की स्थापना यथार्थतः करने और अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी सहयोग में संयुक्त राष्ट्र की केंद्रीय समन्वय भूमिका का समर्थन करने का आह्वान किया। उन्होंने आतंकवाद को रोकने और उसका मुक़ाबला करने के लिए सभी देशों की जिम्मेदारी का स्मरण किया, जिसमें आतंकवादियों के सीमा पार आंदोलन, आतंकवादी नेटवर्क के वित्तपोषण और उनके क्षेत्रों से आतंकवादी कार्रवाइयां शामिल हैं। मंत्रियों ने यूएनजीए में काम्प्रिहेन्सिव कन्वेन्शन ऑन इंटरनेशनल टेररिज़म को तेजी से अंगीकृत करने के लिए संयुक्त प्रयासों को तेज करने के अपने संकल्प को दोहराया।

24. मंत्रियों ने आतंकवाद विरोधी सहयोग को और गहरा करने की आशा की और प्रतिबंध लगाने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के एकमात्र अधिकार की पुष्टि की और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् प्रतिबंध समितियों की कार्य पद्धतियों में तत्काल सुधार का आह्वान किया ताकि राजनीतिकरण और उनकी किसी भी कार्यवाही के दोहरे मानकों से बचने के लिए उनकी प्रभावशीलता, जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके, जिसमें साक्ष्य-आधारित मानदंडों पर निष्पक्ष रूप से प्रस्तावों को सूचीबद्ध करना शामिल है।

25. मंत्रियों ने अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर त्रिपक्षीय सहयोग को गहरा करने के लिए आईबीएसए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बैठकों की स्थापना का स्वागत किया; इसकी उद्घाटन बैठक अगस्त 2021 में हुई थी। इस संबंध में, वे आतंकवाद और अंतरराष्ट्रीय अपराध सहित सुरक्षा मुद्दों पर आईबीएसए सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए।

विकास के लिए वित्तपोषण

26. मंत्रियों ने स्वीकार किया कि कोविड -19 महामारी ने विकासशील देशों में लाखों लोगों को अत्यधिक गरीबी की ओर धकेल दिया है और एसडीजी की उपलब्धि की प्रगति में बाधा उत्पन्न की है। इस संबंध में मंत्रियों ने बिना किसी शर्त के शीघ्र आर्थिक सुधार पर ध्यान देने की आवश्यकता पर बल दिया। राजकोषीय बाधाओं के संदर्भ में, मंत्रियों ने न केवल वित्त और गारंटी प्रदान करने में बल्कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं और विकासशील देशों में परियोजनाओं के लिए निजी क्षेत्र के संसाधनों को जुटाने में भी बहुपक्षीय विकास बैंकों (एमडीबी) की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार किया। मंत्रियों ने वैश्विक समुदाय के सभी सदस्यों का आह्वान एसडीजी’ज़ प्राप्त करने के लिए प्रयास तेज करने के लिए किया। मंत्रियों ने अदीस अबाबा एक्शन एजेंडा के सभी सात कार्य क्षेत्रों के त्वरित कार्यान्वयन के साथ-साथ विकास के लिए वित्तपोषण पर मोंटेरे और दोहा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों (FfD) के परिणामों को सुनिश्चित करने के लिए एक साथ काम करते रहने के महत्व को रेखांकित किया।

विश्व व्यापार संगठन

27. मंत्रियों ने एलडीसी सहित विकासशील देशों के लिए विशेष और विभेदक व्यवहार सुनिश्चित करते हुए, विश्व व्यापार संगठन में सन्निहित नियम-आधारित, पारदर्शी, गैर-भेदभावपूर्ण, खुली और समावेशी बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली (एमटीएस) की केंद्रीयता की पुष्टि की और पूर्वानुमेयता, स्थिरता, कानूनी निश्चितता और अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए एक समान अवसर को बढ़ावा देने में इसकी भूमिका की पुष्टि की। मंत्रियों ने बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली को सुधारने और मजबूत करने तथा विश्व व्यापार संगठन को अपने विकासशील देश के सदस्यों की जरूरतों के लिए अधिक प्रभावी और उत्तरदायी बनाने के लिए सभी प्रयास करने पर सहमति व्यक्त की। उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि वैश्विक व्यापार नियमों को एमटीएस में सभी देशों की प्रभावी भागीदारी को सुगम बनाना चाहिए और यह कि विश्व व्यापार संगठन के काम में विकास केंद्र में रहना चाहिए। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए सकारात्मक प्रयास जारी रखने की आवश्यकता को रेखांकित किया कि विकासशील देशों के सदस्य, जिनमें सबसे कम विकसित देश के सदस्य भी शामिल हैं, अपने आर्थिक विकास की जरूरतों के अनुरूप विश्व व्यापार के विकास में एक हिस्सा सुरक्षित करते हैं। मंत्रियों ने 2024 तक पूरी तरह से और अच्छी तरह से काम करने वाले दो-स्तरीय विवाद निपटान निकाय को बहाल करने की आवश्यकता पर भी ज़ोर दिया, जैसा कि MC12 परिणाम दस्तावेज़ में अनिवार्य है। मंत्रियों ने एमसी12 के सफल निष्कर्ष की सराहना की जो बहुपक्षवाद के मूल्य को रेखांकित करता है। मंत्रियों ने MC12 के सफल निष्कर्ष की सराहना की जो बहुपक्षवाद के मूल्य को रेखांकित करता है। उन्होंने विश्व व्यापार संगठन के सदस्यों को गति बनाए रखने और MC13 द्वारा आगे सार्थक परिणाम प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया।

जी 20

28. मंत्रियों ने अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के लिए प्रमुख मंच के रूप में जी20 की भूमिका की पुनः पुष्टि की और एसडीजी को लागू करने और सतत विकास को बढ़ावा देने की आवश्यकता को दोहराया। सदस्यों ने इंडोनेशियाई जी20 राष्ट्रपति पद के लिए और एक सफल बाली शिखर सम्मेलन के आयोजन तथा आर्थिक व विकास के मुद्दों के लिए वैश्विक चुनौतियों को संबोधित करने वाले एक मजबूत और स्पष्ट नेता की घोषणा को पाने के प्रयासों के प्रति अपना पूर्ण समर्थन व्यक्त किया। उन्होंने मजबूत, टिकाऊ, संतुलित और समावेशी विकास हासिल करने और नकारात्मक स्पिल-ओवर और बाहरी झटके को कम करने के उद्देश्य से व्यापक आर्थिक नीति समन्वय की आवश्यकता को भी दोहराया। मंत्रियों ने क्रमशः 2023 और 2024 में भारत और ब्राज़ील की आगामी G20 अध्यक्ष पदों को G20 एजेंडा में सहयोग और संचालन और विकास के दृष्टिकोण के साथ काम करने के उपयोगी अवसरों के रूप में नोट किया। मंत्रियों ने स्वास्थ्य, अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद का मुक़ाबला, अंतरराष्ट्रीय अपराध और विकास के मुद्दों सहित सामान्य हित के मुद्दों पर समन्वय करने पर भी सहमति व्यक्त की।

आईबीएसए क्षेत्रीय सहयोग

29. मंत्रियों ने छठे आईबीएसए महिला मंच के सफल आयोजन और उसके परिणाम की सराहना की और पारस्परिक सहयोग के माध्यम से लैंगिक समानता तथा महिलाओं व लड़कियों के सशक्तिकरण को हासिल करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

30. मंत्रियों ने आईबीएसए के भीतर नई पहलों के आयोजन का स्वागत किया, जैसे आईबीएसए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की उद्घाटन बैठक, अंतरराष्ट्रीय /त्रिपक्षीय विकास साझेदारी पर आईबीएसए कार्य समूह के रूप में विकास सहयोग एजेंसियों के बीच सहयोग का शुभारंभ और पारंपरिक दवाओं पर आईबीएसए के वरिष्ठ अधिकारियों की पहली बैठक।

31. मंत्रियों ने आईबीएसए पर्यटन मंत्रियों की बैठक के आयोजन के साथ विभिन्न आईबीएसए संवाद तंत्रों के पुनरोद्धार, पर्यटन पर आईबीएसए के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक, आईबीएसए राष्ट्रीय मानकों की 5वीं त्रिपक्षीय बैठक, अनुरूपता मूल्यांकन, प्रत्यायन और मौसम विज्ञान निकाय, ऊर्जा पर 12वां आईबीएसए संयुक्त कार्य समूह, कृषि पर आईबीएसए संयुक्त कार्य समूह की 7वीं बैठक, लघु और मध्यम उद्यमों पर छठे आईबीएसए त्रि-राष्ट्र सम्मेलन और आईबीएसए फैलोशिप के चल रहे तीसरे राउण्ड का भी स्वागत किया।

32. मंत्रियों ने अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्रों जैसे ब्लू इकोनॉमी, साइबर सुरक्षा, रक्षा और मानव बस्तियों में कार्य समूहों और विशेषज्ञ स्तर की बैठकों के आयोजन पर सहमति व्यक्त की।

33. मंत्रियों ने खुले, सुरक्षित, स्थिर, सुलभ और शांतिपूर्ण साइबर स्पेस सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। मंत्रियों ने माना कि कोविड-19 ने देशों द्वारा आईसीटी उत्पादों और प्रणालियों पर बढ़ती निर्भरता को प्रदर्शित किया गया है और आईसीटी बुनियादी ढांचे की सुरक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के महत्व को रेखांकित किया। मंत्रियों ने इस बात पर ज़ोर दिया कि साइबर स्पेस में जिम्मेदार राज्य व्यवहार की समझ बनाने में अंतरराष्ट्रीय सहयोग मदद करेगा और देशों को आर्थिक विकास और नवाचार को बढ़ावा देने में लाभान्वित करेगा और इस क्षेत्र में आईबीएसए सहयोग की स्थापना का स्वागत किया।

34. मंत्रियों ने नोट किया कि सभी आईबीएसए देशों में पारंपरिक चिकित्सा की प्रणालियां हैं और गैर-संचारी रोगों, पोषण संबंधी कमियों, संक्रामक रोगों और कई अन्य स्थितियों की रोकथाम और नियंत्रण में पारंपरिक चिकित्सा की बड़ी भूमिका है। मंत्रियों ने पारंपरिक चिकित्सा की उपयोगिता और प्रभावशीलता के वैज्ञानिक प्रमाण विकसित करने हेतु संगठित होकर काम करने के लिए आईबीएसए देशों में शिक्षाविदों के प्रस्ताव का स्वागत किया। इसके अलावा, 17 अक्टूबर 2007 को प्रिटोरिया, दक्षिण अफ़्रीकामें हस्ताक्षरित स्वास्थ्य और चिकित्सा के क्षेत्र में सहयोग पर आईबीएसए समझौता ज्ञापन को याद करते हुए, जिसमें पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने और इसे विकसित करने का आह्वान किया गया है, मंत्रियों ने पारंपरिक चिकित्सा पर सहयोग के लिए एक अलग आईबीएसए समझौता ज्ञापन पर विचार करने और अपने लोगों के स्वास्थ्य में सुधार लाने तथा पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में व्यापार को सुविधाजनक बनाने हेतु सहयोग के लिए एक रोड मैप विकसित करने और लागू करने पर विचार करने पर सहमति व्यक्त की। उन्होंने जामनगर, गुजरात, भारत में डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन की स्थापना का भी स्वागत किया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह केंद्र वैश्विक स्वास्थ्य और सतत विकास के लिए पारंपरिक चिकित्सा के योगदान में और वृद्धि करेगा।

लोगों से लोगों के बीच विनिमय

35. मंत्रियों ने हाल ही में लोगों से लोगों के बीच आयोजित की गई विभिन्न बैठकों की सराहना की, विशेष रूप से, पहला आईबीएसए युवा शिखर सम्मेलन, आईबीएसए अकादमिक मंच का 7 वां संस्करण और आईबीएसए कॉफी महोत्सव। उन्होंने आगे होने वाली लोगों से लोगों के बीच की गतिविधियों की भी सराहना की, जिसमें एमएसएमई और स्टार्ट-अप्स पर एक बी2बी बैठक, छोटे और मध्यम आकार के कॉफी उत्पादकों के बीच एक बी2बी बैठक और आईबीएसए फैलोशिप कार्यक्रम के चल रहे तीसरे चरण की बैठक शामिल है।

क्षेत्रीय मुद्दे

अफ्रीकी संघ

36. मंत्रियों ने समावेशी विकास और सतत विकास को बढ़ावा देने तथा क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने में अफ्रीकी संघ और उप-क्षेत्रीय संगठनों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि सुरक्षा और विकास आपस में घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए हैं और पारस्परिक रूप से सुदृढ़ हैं और स्थायी शांति प्राप्त करने की कुंजी हैं। उन्होंने एक शांतिपूर्ण, समृद्ध, समावेशी और सुरक्षित अफ़्रीकाको पाने की आकांक्षा के लिए उपयुक्त ढांचे के रूप में अफ्रीकी संघ के एजेंडा 2063 के प्रति अपना समर्थन दोहराया और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुसार संयुक्त राष्ट्र और अफ्रीकी संघ के बीच मजबूत सहयोग के महत्व पर ज़ोर दिया। मंत्रियों ने अफ़्रीकाके कुछ हिस्सों में सशस्त्र संघर्षों पर चिंता व्यक्त की और "अफ्रीकी समस्याओं के अफ्रीकी समाधान" के सिद्धांत द्वारा निर्देशित क्षेत्रीय और उपक्षेत्रीय पहलों के माध्यम से उनके शीघ्र समाधान का आह्वान किया, जैसा कि स्वयं अफ्रीकियों द्वारा व्यक्त किया गया था, जिसका उद्देश्य अफ़्रीकामें शांति प्राप्त करना और सुरक्षा स्थिति में सुधार करना था।

मध्य पूर्व शांति प्रक्रिया

37. मंत्रियों ने मध्य पूर्व और उत्तरी अफ़्रीकाकी स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की और इस बात पर ज़ोर दिया कि इस क्षेत्र में संघर्षों और संकटों को राजनीतिक और राजनयिक माध्यमों से समावेशी बातचीत के ज़रिए हल किया जाना चाहिए।

38. मंत्रियों ने इस्राइल और फ़िलिस्तीन के बीच हाल ही में बढ़े तनाव पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की और तनाव को बढ़ने से रोकने के लिए संबंधित पक्षों से संयम बरतने का आह्वान किया। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि फ़िलिस्तीन के प्रश्न पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है और यह कि बिना पूर्व शर्त के सीधी बातचीत के माध्यम से हासिल दो-देश समाधान, संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त आधार है। उन्होंने फ़िलिस्तीनी लोगों को उनके वैध अधिकारों को बहाल करने और फ़िलिस्तीन के सभी पक्षों के बीच अधिक एकजुटता के प्रति अपने समर्थन को दोहराया ताकि आंतरिक सुलह हासिल हो सके। उन्होंने फ़िलिस्तीन और इसराइल को दो-देश समाधान पर बातचीत के आधार पर शांति वार्ता फिर से शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व वाले अंतरराष्ट्रीय शांति सम्मेलन के समर्थन में अपने प्रयासों को तेज करने का आह्वान किया, ताकि एक ऐसा एक व्यापक, स्थायी और न्यायपूर्ण समझौता किया जा सके जिसकेअनुसार इज़रायल और फ़िलिस्तीन शांति और सुरक्षा के साथ एक साथ रह सकें।

39. मंत्रियों ने इस बात पर बल दिया कि संबंधित शक्तियों का लाभ उठाने, शांति वार्ता को सक्रिय रूप से बढ़ावा देने और फ़िलिस्तीन को COVID महामारी को रोकने, उसकी अर्थव्यवस्था को विकसित करने, उसकी मानवीय स्थिति को आसान बनाने और अपने लोगों के कल्याण में सुधार करने में मदद करने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने फ़िलिस्तीनी लोगों की मानवीय स्थिति को ठीक करने के लिए यूएनआरडब्ल्यूए द्वारा किए गए व्यापक कार्यों की सराहना की और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से यूएनआरडब्ल्यूए गतिविधियों में सहयोग करने लिए विकासात्मक सहायता प्रदान करने का आह्वान किया ताकि यह फ़िलिस्तीनी समुदाय के बीच अपनी पहुंच बढ़ाने में सक्षम हो सके।

यूक्रेन में स्थिति

40. मंत्रियों ने यूक्रेन में जारी संघर्ष और मानवीय संकट पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने शत्रुता को तत्काल समाप्त करने और कूटनीति और संवाद के मार्ग पर चलने की आवश्यकता के लिए अपना आह्वान दोहराया। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि वर्तमान वैश्विक व्यवस्था अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र चार्टर, देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर आधारित है।

41. मंत्रियों ने खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा तथा वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में व्यवधान सहित संघर्ष के क्षेत्रीय और वैश्विक प्रभावों पर भी चर्चा की।

निष्कर्ष

42. दक्षिण अफ़्रीकाऔर ब्राज़ील के मंत्रियों ने 10वीं आईबीएसए त्रिपक्षीय मंत्री-स्तरीय आयोग की बैठक की मेज़बानी के लिए भारत के विदेश मंत्री को धन्यवाद दिया।

43. मंत्रियों ने नवंबर 2022 में जी20 शिखर सम्मेलन से इतर छठे आईबीएसए शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने की अपनी तैयारियों के साथ भारत के प्रति अपना पूर्ण समर्थन व्यक्त किया।

44. भारत और दक्षिण अफ़्रीकाके मंत्रियों ने आईबीएसए विदेश मंत्रियों की अगली बैठक की मेजबानी करने के ब्राज़ील के प्रस्ताव की सराहना और आभार के साथ स्वीकार किया।

न्यूयॉर्क
21 सितंबर, 2022

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