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भारत-अफ्रीका विकास साझेदारी पर 17वें सीआईआई एक्जिम बैंक सम्मेलन के समापन सत्र में विदेश राज्य मंत्री श्री वी. मुरलीधरन की टिप्पणी

जुलाई 20, 2022

महामहिम डॉ. जेम्स वानी इग्गा,
दक्षिण सूडान के उपराष्ट्रपति
महामहिम श्री बदारा ए. जूफ़,
गाम्बिया के उपराष्ट्रपति
महामहिम श्री एलेम वोल्डेमरियम,
मिशन प्रमुख, इरिट्रिया, राजनयिक कोर के डीन
श्री बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम, सचिव, वाणिज्य मंत्रालय
श्री चंद्रजीत बनर्जी, महानिदेशक, सीआईआई
सुश्री हर्षा बंगारी, प्रबंध निदेशक, एक्जिम बैंक
श्री एस कुप्पुस्वामी, सह-अध्यक्ष, सीआईआई अफ्रीका समिति
महामहिम, देवियो और सज्जनो,

नमस्कार,


भारत-अफ्रीका विकास साझेदारी पर 17वें सीआईआई-एक्जिम बैंक सम्मेलन के इस समापन सत्र को संबोधित करते हुए मुझे खुशी हो रही है।

मुझे खुशी है कि पिछले दो वर्चुअल संस्करणों के बाद, हम इस सम्मेलन को भौतिक रूप से आयोजित करने में सक्षम हुए हैं। मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि इस सम्मेलन में अफ्रीका के 41 देशों की सरकार और व्यवसायियों के 1000 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। सम्मेलन में कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, विकास और ऊर्जा अवसंरचना, रक्षा, स्टार्टअप, स्वास्थ्य सेवा, फार्मा, आईटी, कौशल विकास और वित्तीय भागीदारी सहित दस क्षेत्रीय सत्र आयोजित किए गए हैं। अफ्रीका के साथ हमारे संबंधों के ये बहुत महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं। मुझे जानकारी है कि 31 देशों में इन सभी दस क्षेत्रीय सत्रों को कवर करने वाले 185 से अधिक परियोजना प्रोफाइल हैं जिन्हें अफ्रीका द्वारा सहयोग की माँग के साथ साझा किया गया है। मैंने कल विदेश मंत्री के पूर्ण सत्र में भाग लिया, जहाँ विदेश मंत्री ने व्यापक भारत-अफ्रीका संबंधों और इस जुड़ाव को अगले स्तर तक ले जाने के लिए एक मार्ग की रूपरेखा तैयार की।

जबकि हम सभी एक ही विचार रखते हैं और हमने संभावित क्षेत्रों की पहचान की है, यह समय है कि हम अफ्रीका के साथ सम्बन्ध बढ़ाने के लिए अधिक से अधिक परियोजनाओं की गहराई से जाँच करें और उन्हें लागू करें। पिछले कुछ वर्षों के दौरान अफ्रीका के साथ हमारे संबंध कई गुणा बढ़े हैं। मुझे विश्वास है कि यह सम्मेलन मजबूत मंच प्रदान करता है और दिखाता है कि भारत-अफ्रीका साझेदारी को किस दिशा में जाना चाहिए। हमें हितधारकों के रूप में हमारे सामने उपलब्ध अवसरों का उपयोग करना चाहिए और अपने लोगों की प्रगति के लिए साझेदारी को और आगे ले जाना चाहिए।

मित्रों,

अफ्रीकी देशों के साथ साझेदारी को आगे बढ़ाने के प्रभारी मंत्री के रूप में, मैं अफ्रीकी देशों के नेतृत्व के साथ नियमित रूप से बातचीत करता हूँ। मैंने पिछले तीन वर्षों के दौरान अफ्रीका के 18 देशों की आधिकारिक यात्रा की और वहाँ के नेतृत्व के साथ-साथ भारतीय समुदाय से भी बातचीत की। मैं कई अन्य अफ्रीकी देशों के नेताओं के साथ टेलीफोन पर भी लगातार संपर्क में रहता हूँ। मैं विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि कृषि, सिंचाई, शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य देखभाल और बुनियादी ढाँचे सहित कई क्षेत्रों में हमारी साझेदारी के विस्तार की पर्याप्त संभावनाएँ हैं। मैंने स्वयं संभावनाएँ देखीं। यह तथ्य है कि इसका उपयोग कम हो रहा है। मैं व्‍यावसायिक समुदाय से सम्बन्ध बढ़ाने; छात्रों और शोधकर्ताओं को और अधिक शोध करने और उनमें भागीदारी करने; व्यवसाय और व्यापार प्रवाह को बढ़ाने के लिए व्यापार परिषदों / चैम्बरों को अपनी गतिविधियों को तेज करने; और व्यवसायियों को, अफ्रीका में भारत में निर्मित उत्पादों के निर्यात को बढ़ाने के अवसरों का पता लगाने के लिए आह्वान करता हूँ। मैं चाहता हूँ कि आने वाले दिनों में यह रिश्ता बहुत तेजी से आगे बढे ।

भारत-अफ्रीका के बीच उपनिवेशवाद के खिलाफ उनकी लड़ाई और स्वतंत्रता आंदोलन के समय से ऐतिहासिक संबंध हैं। महात्मा गाँधी ने औपनिवेशिक शासकों के खिलाफ अपनी लड़ाई अफ्रीका से शुरू की और बाद में अपने अनुभव को भारत के स्वतंत्रता संग्राम के लिए इस्तेमाल किया। कई अफ्रीकी नेता भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन से प्रेरित हुए। मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि अफ्रीकी देश, भारत की आजादी के 75वें वर्ष के उपलक्ष में अपने-अपने देशों में भारत के 75वें आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए भारतीय मिशनों का समर्थन कर रहे हैं।

अफ्रीका भारत की विदेश नीति के केंद्र में बना हुआ है। इसकी पुष्टि पिछले सात वर्षों में भारत से 36 उच्च स्तरीय यात्राओं और अफ्रीका से 100 से अधिक उच्च स्तरीय यात्राओं से होती है। कोविड महामारी के दौरान, महामारी के खिलाफ लड़ाई के लिए एकजुटता दिखाने के लिए हमारे नेताओं ने टेलीफोन पर बातचीत की, भारत ने 25 से अधिक अफ्रीकी देशों को 5 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक मूल्य की चिकित्सा सहायता प्रदान की। भारत ने 42 अफ्रीकी देशों को 'भारत में निर्मित' कोविड टीकों की 39.65 मिलियन खुराकों की आपूर्ति की। अब हम कुछ अन्य अफ्रीकी देशों के साथ कोविड के लिए और अन्य टीकों के लिए संयुक्त विनिर्माण सुविधाओं की संभावना तलाश रहे हैं।

मित्रों,

हम कई क्षेत्रों में अफ्रीका के साथ अपने संबंधों को बढ़ाने का लगातार प्रयास कर रहे हैं। पिछले हफ्ते ही, मैं जिम्बाब्वे रेलवे के एक प्रतिनिधिमंडल से मिला, जिसने रेलवे परियोजनाओं के लिए RITES के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। हाल ही में अप्रैल के महीने में अमृता विश्व विद्यापीठम संस्थान ने एक कार्यक्रम आयोजित किया था जिसमें अफ्रीकी देशों के कई राजदूत मौजूद थे। यह कार्यक्रम शिक्षा सहयोग को बढ़ाने के लिए था। कार्यक्रम के दौरान, अमृता संस्थान ने अफ्रीकी छात्रों के लिए 200 छात्रवृत्तियों की पेशकश की। मैं सभी अफ्रीकी देशों से इस छात्रवृत्ति का उपयोग करने के अवसर का लाभ उठाने का अनुरोध करता हूँ ।

भारत ने अफ्रीका में विभिन्न परियोजनाओं के लिए 12.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का रियायती ऋण दिया। अफ्रीकी देशों, भारत के एक्जिम बैंक और सम्बंधित हितधारकों के समर्थन से, हमने 197 महत्वपूर्ण परियोजनाओं को पूरा किया है, और वर्तमान में, हम 65 परियोजनाओं को क्रियान्वित कर रहे हैं, जबकि 81 परियोजनाओं के लिए जाँच की जा रही है। पेयजल योजनाओं से ले कर सिंचाई, ग्रामीण सौर विद्युतीकरण, बिजली संयंत्रों, प्रसारण लाइनों, सीमेंट, चीनी और कपड़ा कारखानों, प्रौद्योगिकी पार्कों, रेलवे अवसंरचना आदि जैसी महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं ने अफ्रीका के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान दिया है। गाम्बिया, सेनेगल, युगांडा, रवांडा, ज़िम्बाब्वे, मलावी और कई अन्य देशों की अपनी यात्राओं के दौरान, मैंने स्वयं भारतीय सहायता से कई विकास सहयोग परियोजनाओं को देखा है। ये अफ्रीका के लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रही हैं।

मित्रों,

जनसांख्यिकीय रूप से युवा देश होने के नाते भारत, युवाओं की आकांक्षाओं को समझता है। भारत युवाओं को प्रशिक्षण, शिक्षा और कौशल विकास प्रदान करने के लिए अफ्रीकी साझेदार देशों के साथ अपने अनुभव को साझा करने के लिए हमेशा तैयार है। मेडागास्कर में आठ व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र (वीटीसी), 8 आईटी केंद्र, ग्रामीण विकास में भू-सूचना विज्ञान अनुप्रयोगों के लिए केंद्र (सीजीएआरडी) स्थापित करके अफ्रीकी युवाओं के साथ भारत का जुड़ाव गहरा हो गया है। पिछले साल रवांडा की अपनी यात्रा के दौरान, मैंने किगाली में भारत-रवांडा उद्यमिता विकास केंद्र का उद्घाटन किया। हमारी इच्छा है कि ये सभी केंद्र अफ्रीकी युवाओं, विशेषकर ग्रामीण युवाओं के सपनों और आकांक्षाओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँ।

भारत सरकार की ओर से, मैं विशेष रूप से मॉरीशस, दक्षिण सूडान, गाम्बिया और जाम्बिया के उप राष्ट्रपतियों और नामीबिया के उप प्रधान मंत्री को धन्यवाद देता हूँ जो सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत आए हैं । मैंने नोट किया है कि विदेश मंत्री और हमारे वाणिज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल के सत्रों ने इस सम्मेलन को और अधिक महत्वपूर्ण बनाया है।

मित्रों,

अंत में, मैं सीआईआई, एक्जिम बैंक की टीम और अपनी विदेश मंत्रालय की टीम को धन्यवाद देता हूँ कि उन्होंने इस आयोजन को खास बनाने के लिए कड़ी मेहनत की। मुझे विश्वास है कि इस तरह का सम्मेलन अफ्रीका के साथ हमारे पहले से ही अच्छे संबंधों को और आगे बढ़ाने के लिए गति प्रदान करेगा।

धन्यवाद

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