विदेश संबंधों के बारे में संक्षिप्त विवरण
विदेशों के साथ संबंध विस्तार से
कैरिबियाई समुदाय और साझा बाजार (कैरिकॉम)
- कैरिबियाई समुदाय और साझा बाजार (कैरिकॉम) की स्थापना, क्षेत्रीय एकता के लिए 15 वर्षों के प्रयास का परिणाम थी जो 1958 में ब्रिटिश वेस्टइंडीज संघ की स्थापना के साथ शुरू हुआ था । यद्यपि, यह संघ 1962 में समाप्त हो गया था किंतु इसकी समाप्ति को कई कारणों
से वर्तमान कैरिबियाई समुदाय की वास्तविक शुरूआत माना जाए ।
- कैरिबियाई समुदाय और साझा बाजार (कैरिकॉम) की स्थापना, चागुआरमस संधि से हुई जो 1 अगस्त, 1973 को प्रभावी हुई थी ।
- समुदाय का ढांचा
सदस्य :
एंटिगुआ और बारबुडा, बहमास (बहमास, समुदाय का सदस्य है किंतु साझा बाजार का नहीं), बारबाडोस, बेलीज, डोमीनिका, ग्रेनाडा, गुयाना, हैती, जमैका, मोंटसेरट, सेंट किट्स और नेवीस, सेंट लुसिया, सेंट विन्सेंट और ग्रेनेडिन्स, सूरीनाम तथा त्रिनिदाद और टुबैगो ।
सहयोगी सदस्य :
एंगुइला, बरमुडा, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड, केमन आइलैंड तथा टर्क्स और कैकोस आइलैंड ।
संगठन का वर्तमान अध्यक्ष देश :
एंटिगुआ और बारबुडा के माननीय प्रधानमंत्री विंस्टन बाल्डविन स्पेन्सर, कैरिकॉम शासनाध्यक्ष सम्मेलन के वर्तमान अध्यक्ष हैं ।
- समुदाय के प्रधान अंग :
शासनाध्यक्ष सम्मेलन (सम्मेलन)
यह सम्मेलन, समुदाय का एक सर्वोच्च अंग है । इसमें सभी सदस्य राष्ट्रों के राष्ट्राध्यक्ष/शासनाध्यक्ष शामिल होते हैं । मोंटसेरट के मामले में, मुख्यमंत्री प्रतिनिधित्व करता है ।
सम्मेलन का प्राथमिक दायित्व नीति निर्धारित करना और नीति निर्देश देना है । समुदाय की ओर से संधि करने तथा अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रों के साथ संबंध कायम करने के लिए यह अंतिम सत्ता है ।
सम्मेलन ब्यूरो
परिषद, इसका दूसरा सबसे बड़ा अंग है । इसमें सामुदाय मामलों के प्रभारी मंत्री और सदस्य देशों द्वारा स्व: विवेक से नामित अन्य मंत्री शामिल होते हैं । यह आर्थिक एकीकरण, कार्यात्मक सहयोग तथा विदेशी संबंधों के क्षेत्र में सामुदाय नीति योजना तैयार करने और समन्वय
स्थापित करने के लिए उत्तरदायी होती है । - समुदाय के अन्य अंग
निम्नलिखित चार मंत्रिपरिषदें समुदाय के प्रधान अंगों को अपने कार्यकलापों के निष्पादन में सहायता देती हैं :-
(क) व्यापार और आर्थिक विकास परिषद । यह कैरिकॉम एकल बाजार और अर्थव्यवस्था के संचालन पर भी नजर रखती है ।
(ख) विदेश और समुदाय संबंध परिषद ।
(ग) मानव और सामाजिक विकास परिषद ।
(घ) वित्त और योजना परिषद । - कैरिकॉम एकल बाजार और अर्थव्यवस्था
शासनाध्यक्षों ने वर्ष 2001 में कैरिकॉम एकल बाजार और अर्थव्यवस्था और कैरिबियाई समुदाय को स्थापना करते हुए, संशोधित चागुआरमस संधि पर हस्ताक्षर किए थे और इस प्रकार कैरिकॉम के साझा बाजार के स्वरुप परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त हुआ । कैरिकाम एकल बाजार और अर्थव्यवस्था
एक ऐसा तंत्र है जो कैरिकॉम के भीतर श्रम, पूंजी, माल और सेवाओं की निर्बाध आवाजाही की अनुमति देगा । यह समुदाय इसे लघु अर्थव्यवस्थाओं को पेश आ रही चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए अपनी नीति का ध्वजपोत मानते हैं क्योकि वे तेजी से हो रहे भूमंडलीकरण में अपना
स्थान तलाश रहे हैं । कैरिकॉम एकल बाजार अर्थव्यवस्था का कार्यान्वयन पहले ही चरणों में शुरू हो गया है जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ कैरिकॉम देशों में सीमा शुल्क में कमी लोगों और कुशल श्रमिकों की निर्बाध आवाजाही शामिल हैं । कैरिकॉम नेताओं ने कैरिकॉम एकल
बाजार और अर्थव्यवस्था की स्थापना की अंतिम समय सीमा 2005 नियत की है । - कैरिबियाई न्यायालय (सी सी जे)
इंग्लैंड की प्रिवी कौंसिल अधिकांश कैरिकॉम देशों के लिए अपीलीय न्यायालय रही है । इसके स्थान पर क्षेत्रीय न्यायालय स्थापित करने के लिए तीव्र आंदोलन चलाया गया है जिसके पास मूल और अपीलीय दोनों अधिकार क्षेत्र होंगे । यह न्यायालय त्रिनिदाद और टुबैगो में होगा
। वर्ष 2004 के पूर्वार्ध में कैरिबियाई न्यायालय का उद्घाटन किए जाने की संभावना है । प्रिवी कौंसिल से अलग हटने और अपना उच्चतम न्यायालय स्थापित करने पर यह क्षेत्र पूरी तरह और सच्चे अर्थों में उपनिवेशवाद से मुक्ति पा लेगा । कैरिबियाई न्यायालय (सी सी जे),
कैरिकॉम एकल बाजार एवं अर्थव्यवस्था (सी एस एम ई) के उचित ढंग से कार्य करने तथा विवादों के निपटारे के लिए भी अनिवार्य होगा ।
- छोटे देशों के मुद्दे
सितंबर, 2003 में कानकन में विश्व व्यापार संगठन की वार्ता टूट जाने के बाद यह क्षेत्र, छोटे देशों के मुद्दों पर और अधिक ध्यान दिए जाने के लिए निरंतर बहुमत जुटा रहा है । इन देशों की चिंता के कई मुद्दे अर्थात् सहस्राब्दि विकास उद्देश्यों को पूरा करने सहित
विकास संबंधी मामले, मूल उद्देश्य से भटक गए हैं । - आतंकवाद
कैरिकॉम निरंतर आतंकवाद की निंदा करता है और इससे लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है । सदस्य देशों ने यह प्रमाणित कर दिया है कि वे अंतर्राष्ट्रीय तथा क्षेत्रीय एवं राष्ट्रीय, दोनों स्तरों पर आतंकरोधी उपाय करके, आतंकवाद को रोकने को उच्च प्राथमिकता देते हैं ।
- शिक्षा
इस क्षेत्र में शिक्षा, एक उच्च प्राथमिकता रही है । इस क्षेत्र में ‘प्रतिभा पलायन’ होता है, अनेक कुशल व्यक्तियों का पलायन हुआ है । इससे विकास, विशेषकर स्वास्थ्य और शिक्षा पर गंभीर प्रभाव पडा है, क्योंकि चिकित्सा व्यवसायिकों और अध्यापकों का विकसित देशों
की ओर निरंतर भारी संख्या में पलायन हो रहा है तथा हाल के कुछ वर्षों में कुछ विकासशील देशों की ओर भी पलायन हो रहा है ।
- विदेशी संबंध
द्विपक्षीय संबंध
कैरिकॉम ने सन् 2002 में एक संशोधित विदेश नीति योजना अनुमोदित की है जो संशोधित चागुआरमस संधि के प्रावधानों के अनुसार, सदस्य देशों की विदेश और आर्थिक नीतियों में समन्वय को और आगे बढ़ाने का प्रयास करती है । समान विचारधारा वाले देशों और ऐसे देशों जिनके साथ इस
क्षेत्र के सुदृढ़ ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संपर्क हैं, के साथ संबंधों को मजबूत करना इस समुदाय की प्राथमिकता है ।
- पारंपरिक सहयोगियों अर्थात् कनाडा, इंग्लैंड और अमेरिका के साथ ही साथ यूरोपीय संघ, जापान, दक्षिण अफ्रीकी विकास आयोग, स्पेन और कई अन्य देशों के साथ कैरिकॉम के द्विपक्षीय संबंध हैं । वेनेजुएला और कोलंबिया के साथ आंशिक व्यापार समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए
हैं तथा डोमीकन गणराज्य के साथ मुक्त व्यापार समझौता है ।
- बहुपक्षीय संबंध :
इस समुदाय की संयुक्त राष्ट्र संघ और इसकी विशेषज्ञ एजेंसियों के साथ सूचना के आदान-प्रदान, एक दूसरे की बैठकों में भाग लेने, संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रमुख सम्मेलनों में भागीदारी करने के लिए सहयोग की एक सुस्थापित प्रणाली है ।
- बहुपक्षीयता, कैरिकॉम के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह इस क्षेत्र को वैश्विक प्रक्रियाओं में भाग लेने का अवसर प्रदान करती है जो अक्सर विशाल और अधिक विकसित राष्ट्रों का पक्ष लेती है ।
भारत-कैरिकॉम संबंध
- कैरिकॉम शासनाध्यक्षों की मोंटेगो बे, जमैका में 02-05 जुलाई, 2003 तक हुई 24वीं बैठक के दौरान, कैरिकॉम नेताओं ने भारत और कई कैरिकॉम देशों के बीच साझा संस्कृति को ध्यान में रखते हुए, इस क्षेत्र और भारत के बीच संबंधों को मजबूत बनाने के महत्व को पहचाना ।
उन्होंने, भारत सरकार द्वारा समुदाय परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष को कैरिकॉम और भारत के बीच रिश्तों को प्रगाढ़ बनाने और घनिष्ठ व्यापारिक और आर्थिक संबंध विकसित करने के अवसरों की खोज के लिए भारत यात्रा के निमंत्रण का स्वागत किया ।
- कैरिकॉम प्रतिनिधिमंडल ने 24 से 30 नवंबर, 2003 तक भारत का दौरा किया । इसमें कैरिकॉम समुदाय मंत्रिपरिषद के तत्कालीन अध्यक्ष जमैका के माननीय विदेश मंत्री के डी नाइट और कैरिकॉम के महासचिव डा. एडविन कैरिंगटन शामिल थे । अपने प्रवास के दौरान उन्होंने विदेश
मंत्री से भेंट की और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास संस्थान, हैदराबाद का दौरा किया । इसी यात्रा के दौरान 25 नवंबर, 2003 को भारत-कैरिकॉम स्थायी संयुक्त आयोग स्थापित करने के समझौते पर भी हस्ताक्षर किए गए । इस संयुक्त आयोग का उद्देश्य राजनैतिक, आर्थिक, पर्यावरण,
स्वास्थ्य, वैज्ञानिक और तकनीकी क्षेत्रों में भारत और कैरिकॉम के बीच आपसी संबंध विकसित करना है । भारत और कैरिकॉम के बीच संपन्न विशिष्ट सहयोग समझौतों पर अनुवर्ती कार्रवाई करने की जिम्मेदारी इस संयुक्त आयोग की है ।
- गुयाना में भारत के उच्चायुक्त को कैरिकॉम सचिवालय, जॉर्जटाउन का कार्य भी सौंपा गया है ।
- संपर्क विवरण के साथ भारत के साथ समन्वयकर्ता, यदि कोई हो -
सुश्री चरमैन पी. एटकिन्सन जॉर्डन, कार्यक्रम प्रबंधक, विदेश नीति और समुदाय संबंध, कैरिकॉम सचिवालय, जॉर्जटाउन । दूरभाष (592) 2258694, फैक्स : (592) 2250882, ई मेल : caj@caricom.org
- सार्वजनिक क्षेत्र में भारत की स्थिति से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज
- कोई नहीं - - कैरिकॉम वेबसाइट :
www.caricom.org